अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन फाइल्स को रिलीज़ करने का आदेश देते हुए बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। गौरतलब है कि ट्रंप पर ऐसा करने के लिए काफी दबाव बनाया जा रहा था।
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को 'एच.आर. 4405, एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट' नाम के बिल पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया है। इस बिल पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट को आदेश दिया है कि जेफ्री एपस्टीन (Jeffrey Epstein) से संबंधित सभी अप्रकाशित दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स, जिन्हें एपस्टीन फाइल्स (Epstein Files) भी कहा जाता है, को सामने लाया जाए।
ट्रंप के आदेश के अनुसार अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट को 30 दिन के अंदर एपस्टीन फाइल्स को रिलीज़ करना होगा। इसके तहत एपस्टीन से संबंधित सभी अप्रकाशित रिकॉर्ड्स, जैसे जांच रिपोर्ट्स, ईमेल और अन्य दस्तावेज शामिल हैं, सामने आएंगे।
गौरतलब है कि ट्रंप पर एपस्टीन फाइल्स को रिलीज़ करने का दबाव बढ़ता जा रहा था। डेमोक्रेट्स समेत अमेरिका में कई लोग एपस्टीन फाइल्स को सामने लाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप को दबाव की वजह से यह फैसला लेना पड़ा।
एप्सटीन फाइल्स में 250 से ज़्यादा नाबालिग लड़कियों के शोषण की जांच से जुड़ा 300 जीबी से भी ज़्यादा डेटा है। इस डेटा में जांच रिपोर्ट, ईमेल, वीडियो, फोटो, ऑडियो, फ्लाइट लॉग्स, ट्रैवल रिकॉर्ड्स, इस मामले में शामिल व्यक्तियों (राजनेता, सेलिब्रिटी) की लिस्ट और अन्य कई दस्तावेज शामिल हैं। इसी वजह से इन्हें सामने लाने की मांग चल रही हैं, जिससे एपस्टीन आइलैंड पर नाबालिग लड़कियों से शोषण में शामिल लोगों की लिस्ट और दूसरे सभी दस्तावेज सामने आ सके।
बताया जा रहा है कि एपस्टीन फाइल्स में ट्रंप का भी नाम है। ट्रंप के एपस्टीन से अच्छे संबंध बताए जाते हैं और दोनों की साथ में तस्वीर भी सामने आ चुकी है। बताया जाता है कि ट्रंप भी एपस्टीन आइलैंड पर जा चुके हैं। ऐसे में मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि क्या एपस्टीन फाइल्स के रिलीज़ होने पर ट्रंप का भी नाम सामने आएगा? गौरतलब है कि ट्रंप ने जिस बिल पर हस्ताक्षर किए हैं उसमें प्रावधान है कि पीड़िताओं की पहचान को छिपाने के लिए कुछ संवेदनशील जानकारी छिपाई जा सकती है। इसके साथ ही ऐसी जानकारी छिपाने जाने की भी संभावना है जिससे सरकार पर असर पड़े। ऐसे में ट्रंप का नाम छिपाया जा सकता है जिससे उनकी छवि धूमिल न हो।