India Superpower: एशियाई पावर इंडेक्स रिपोर्ट में जापान और रूस इस सुपरपॉवर बनने की लिस्ट में भारत से पिछड़ गए हैं। रूस छठे नंबर पर है तो जापान चौथे नंबर पर है।
India Superpower: एशियाई पावर इंडेक्स में सुधार करते हुए भारत एशिया की तीसरी महाशक्ति बन गया है। अर्थव्यवस्था, सैन्य ताकत, कूटनीति और सॉफ्ट पावर के विभिन्न मानदंडों वाले इस इंडेक्स में भारत ने जापान और रूस (Russia) को भी पीछे छोड़ दिया है। ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। एशियाई सुपरपावर इंडेक्स (Asian Superpower Index) में भारत तीसरी, रूस छठी और जापान चौथे नंबर पर है।
एशियाई सुपरपावर इंडेक्स (Asian Superpower Index) की इस लिस्ट में अमेरिका को पहले नंबर पर रखा गया है और चीन को दूसरे नंबर पर। अब कई लोग ये सोच रहे हैं कि अमेरिका तो एशिया में है ही नहीं फिर इस देश को कैसे एशियाई देशों की लिस्ट में इसे शामिल किया गया है तो बता दें कि एशिया में उसके प्रभाव को देखते हुए एशियाई पावर इंडेक्स में शामिल किया गया है। इंडेक्स में भारत का स्कोर 39.1 है, जबकि जापान का स्कोर 38.9 है, जिससे वह चौथे स्थान पर लुढ़क गया है। इस रैंकिंग में पाकिस्तान 14.6 अंक के साथ 16वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में शक्ति का संतुलन अभी भी अमेरिका और चीन के हाथ में है लेकिन आर्थिक और सैन्य वृद्धि के बावजूद चीन की शक्ति स्थिर हो गई है। भारत जापान को पीछे छोड़ तीसरे नंबर की ताकत बन गया है लेकिन उसकी क्षमता और संसाधन के लिहाज से उसकी ताकत और बढ़ सकती है। जैसे-जैसे समय बीतेगा, भारत का आर्थिक कौशल, सैन्य शक्ति और कूटनीतिक रणनीतियों का प्रभाव उसकी और ज्यादा मजबूती में अहम भूमिका निभाएगा। तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और युवा जनसंख्या का लाभ भारत का मजबूत पक्ष है।
एशियाई पावर इंडेक्स का आंकलन आठ थीम के 131 मानदंडों के आधार पर तय किया गया है। सैन्य क्षमता और रक्षा नेटवर्क, आर्थिक क्षमता एवं रिश्ते, कूटनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव तथा लचीलापन व भविष्य के संसाधन प्रमुख थीम हैं।
वहीं इस लिस्ट में दसवें नंबर पर थाइलैंड है। इसका स्कोर 19.8 आंका गया है।
इस रैंकिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि एशियाई पावर इंडेक्स में भारत का उत्थान कोई संयोग नहीं। यह प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, आक्रामक कूटनीतिक रणनीति और दुनिया में भारत की जगह को नया आकार देने की उनकी साहसिक महत्वाकांक्षाओं का सीधा परिणाम है। उनके नेतृत्व में भारत महाशक्ति बनने की कगार पर है।