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भारत ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम करने का दिया प्रस्ताव लेकिन, अब…ट्रंप ने दिया बड़ा बयान

India-US Trade Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर व्यापार में असंतुलन और टैरिफ को लेकर नाराजगी जताई है।

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Sep 01, 2025
अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो: एएनआई )

India-US Trade Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump )ने एक बार फिर भारत को लेकर तीखी टिप्पणी की है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ भारी मात्रा में व्यापार करता है, लेकिन बदले में अमेरिका को बहुत कम अवसर देता है। उन्होंने कहा, “बहुत कम लोग यह जानते हैं कि अमेरिका भारत से बहुत कम व्यापार (India-US Trade Tariff) करता है, जबकि भारत हमसे काफी अधिक व्यापार करता है। दूसरे शब्दों में, वे हमें बड़ा ग्राहक मानते हैं और अपनी चीजें बेचते हैं, लेकिन हमारे उत्पाद नहीं खरीदते।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संतुलन और टैरिफ को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है।

भारत पर रूस से सैन्य और तेल खरीद का भी मुद्दा उठाया

अपने पोस्ट में ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत अब भी रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीद रहा है, जबकि अमेरिका से वह ऐसी खरीदारी कम कर रहा है। “भारत अब भी अपना ज्यादातर तेल और सैन्य सामान रूस से ही लेता है। अमेरिका से नहीं।” अब यह बात ऐसे वक्त पर आई है जब भारत रूस से तेल की खरीद के कारण पश्चिमी देशों की आलोचना झेल चुका है।

'अब बहुत देर हो चुकी है' – ट्रंप ने टैरिफ को लेकर जताई नाराजगी

डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत अब टैरिफ कम करने को तैयार है, लेकिन यह क़दम बहुत देर से उठाया गया है।

“उन्होंने अब टैरिफ घटाने की पेशकश की है, लेकिन अब काफी देर हो चुकी है। यह उन्हें सालों पहले करना चाहिए था।” गौरतलब है कि ट्रंप के कार्यकाल में उन्होंने भारत को "टैरिफ किंग" कहा था और कई बार व्यापार नीतियों को लेकर नाराज़गी जताई थी।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर

इस बयान से एक बार फिर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तल्खी आ सकती है। जबकि बाइडन प्रशासन व्यापार को लेकर भारत से सहयोग बढ़ा रहा है, वहीं ट्रंप का यह रुख आगामी चुनावों के पहले भारत के साथ रिश्तों को नया मोड़ दे सकता है।

राजनीतिक उद्देश्य भी हो सकता है ट्रंप का बयान ?

बहरहाल राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान सिर्फ व्यापार पर नहीं, बल्कि घरेलू चुनावी राजनीति को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। अमेरिकी मतदाताओं के बीच ‘अमेरिका फर्स्ट’ की छवि दुबारा मजबूत करना ट्रंप की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

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