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अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप का विदेशी छात्रों पर प्रतिबंध रोका, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी को बड़ी राहत

Trump Foreign Student Ban Harvard 2025: अमेरिकी अदालत ने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी है।

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Jun 06, 2025
अमेरिका की अदालत ने हॉर्वर्ड में विदेशी छात्रों के दाखिले पर लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगाई है। (फोटो: पत्रिका)

Trump Foreign Student Ban Harvard 2025: अमेरिका की एक संघीय न्यायाधीश ने डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) प्रशासन की ओर से हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ( Harvard University) में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय हार्वर्ड की तरफ से दाखिल याचिका के बाद आया, जिससे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को राहत मिली है। मैसाचुसेट्स की जिला अदालत (Us Court Ruling 2025) की न्यायाधीश एलिसन बरोज़ (Alison burroughs) ने आदेश में लिखा कि अगर यह प्रतिबंध लागू होता, तो अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित और पुरानी यूनिवर्सिटी को “तत्काल और अपूरणीय क्षति” हो सकती थी।

हॉर्वर्ड ने ट्रंप पर 'सरकारी प्रतिशोध' का आरोप लगाया

हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से लिया गया यह फैसला ‘सरकारी प्रतिशोध’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाना है। मुकदमे में यह तर्क दिया गया कि यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

राष्ट्रपति ने दी राष्ट्रीय सुरक्षा की दलील

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक बताया। उन्होंने हार्वर्ड पर आरोप लगाया कि वह यहूदी-विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने में नाकाम रही है और विदेशी ताकतों से अनैतिक गठजोड़ कर रही है।

संविधान के प्रथम संशोधन की रक्षा का दावा

हॉर्वर्ड ने कोर्ट में संशोधित याचिका दाखिल कर कहा कि यह निर्णय उसके पहले संशोधन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है। विश्वविद्यालय का कहना है कि यह निर्णय ‘सरकार की ओर से प्रतिशोध के बढ़ते अभियान’ का हिस्सा है।

हॉर्वर्ड की प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वैकल्पिक योजना तैयार

हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने बयान जारी कर कहा कि यूनिवर्सिटी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वैकल्पिक योजनाएं तैयार कर रही है, ताकि यदि वे अमेरिका नहीं आ सकें तो उनकी पढ़ाई बाधित न हो।

धनी विश्वविद्यालय की कानूनी लड़ाई जारी

विश्व का सबसे धनी विश्वविद्यालय, हॉर्वर्ड, इस समय ट्रंप प्रशासन से कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि प्रशासन न केवल वीज़ा नीति बदल रहा है, बल्कि अरबों डॉलर की फेडरल फंडिंग भी रोक रहा है।

पहले भी हो चुकी है प्रमाणन रद्द करने की कोशिश

मई 2024 में अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हॉर्वर्ड का विदेशी छात्रों के लिए ज़रूरी प्रमाणन रद्द कर दिया था, लेकिन इसे अदालत ने तत्परता से रोक दिया।

दूसरे न्यायाधीश ने भी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दी राहत

एक अन्य संघीय न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते एक दीर्घकालिक आदेश जारी करते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक विदेशी छात्रों को हॉर्वर्ड में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाएगी।

ट्रंप का नया आदेश: 6 महीने के लिए प्रवेश निलंबित

कोर्ट के फैसले के जवाब में ट्रंप ने बुधवार को एक नया आदेश जारी किया, जिसमें हॉर्वर्ड में नए विदेशी छात्रों के प्रवेश को शुरुआती छह महीनों के लिए स्थगित कर दिया गया।

विदेशी संबंध और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन: ट्रंप का आरोप

राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी विदेशी सरकारों के साथ ‘गंभीर संबंध’ बनाकर अपने छात्रों और शिक्षकों के नागरिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

27% विदेशी छात्रों पर असर

2024-25 शैक्षणिक सत्र में हार्वर्ड में कुल 7,000 से अधिक विदेशी छात्र नामांकित हैं, जो यूनिवर्सिटी की कुल छात्र संख्या का लगभग 27% हिस्सा हैं। यह प्रतिबंध सीधा इन छात्रों को प्रभावित कर सकता था।

Published on:
06 Jun 2025 12:44 pm
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