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अशोकनगर

यहां कर्मचारी बोले-नौकरी पर नहीं रखा तो भूख हड़ताल कर त्यागेंगे प्राण, जानिए क्यों….

मुंडन कराकर जताया विरोध: पुरातत्व विभाग ने नौकरी से हटाया तो धरने पर बैठे 56 कर्मचारी

अशोकनगरApr 01, 2019 / 10:39 pm

Manoj vishwakarma

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यहां कर्मचारी बोले-नौकरी पर नहीं रखा तो भूख हड़ताल कर त्यागेंगे प्राण, जानिए क्यों….

अशोकनगर/चंदेरी. पुरातत्व विभाग की ऐतिहासिक इमारतों की देखरेख करने वाले 56 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विभाग ने शासन से बजट न मिलने की वजह से नौकरी से हटा दिया। इससे गुस्साए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी ऑफिस के सामने ही धरने पर बैठ गए और चेतावनी दी कि यदि उन्हें फिर से नौकरी पर नहीं रखा गया तो वह भूख हड़ताल कर अपने प्राण त्याग देंगे। साथ ही कर्मचारी दिनभर धरने पर बैठे रहे।
एक अप्रेल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हुआ और पुरातत्व विभाग के लिए शासन से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखने का न कोई आदेश मिला और न हीं कोई बजट। इससे पुरातत्व विभाग ने जिले में 56 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया। कर्मचारियों को जानकारी मिली तो वह चंदेरी स्थित कार्यालय पहुंचे और बाद वहीं पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का कहना है कि किसी को विभाग में काम करते हुए 10 से 15 साल हो गई हैं, तो कोई आठ से दस साल से काम कर रहा है और अब ऐसी स्थिति में नौकरी से हटाए जाने से आखिर अब वह कहां पर काम करेंगे। साथ ही इन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने धरनास्थल पर ही मुंडन कराकर शासन का विरोध जताया और जमकर नारेबाजी भी की।
इमारतों की जिम्मेदारी के लिए रखे थे कर्मचारी

पुरातत्व संरक्षण विभाग के सहायक संरक्षण कार्यालय चंदेरी के अधीन 23 ऐतिहासिक इमारतें हैं और इन इमारतों की देखरेख व साफ-सफाई के लिए 56 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे गए थे। जिनकी ड्यूटी रन्नौद, कदवाया, बूढ़ी चंदेरी और चंदेरी के अलावा शिवपुरी जिले के महुआ और तेरही की ऐतिहासिक इमारतों पर थी। लेकिन जहां ज्यादातर कर्मचारियों को तीन से चार महीने का वेतन भी नहीं मिला है और सोमवार को अचानक उन सभी को नौकरी से हटाने की जानकारी दी गई। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है, तो वहीं इन कर्मचारियों के नौकरी से हट जाने से ऐतिहासिक इमारतों पर सोमवार को न तो साफ-सफाई हुई और न हीं वहां पर देखरेख के लिए कोई कर्मचारी ड्यूटी पर रहा।
इनका कहना है

बिना किसी कारण के एक अप्रैल से हटा दिया है, इसलिए विरोध कर रहे हैं। इसकी सूचना नहीं दी गई। कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार को शिकायत भेजी है। नौकरी पर जब तक नहीं रखेंगे तब धरना प्रदर्शन करेंगे और फिर अनशन करके कर्मचारी आत्महत्या करेंगे।
मुनासिब खान, कर्मचारी

23 ऐतिहासिक इमारतों पर 56 कर्मचारी थे। शासन से इस बार बजट नहीं मिला और न हीं शासन से कोई पत्र मिला। सिर्फ जिले में ही नहीं, पूरे प्रदेश में कर्मचारियों को हटाया है। हालांकि शेष वेतन का भुगतान होगा।
श्याममुरारी सक्सेना, कनिष्ठ संरक्षण सहायक अधिकारी पुरातत्व संरक्षण विभाग चंदेरी

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