रविवार की छुट्टी के सोमवार को रात से ही किसानों ने अनाज से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ पहुंचना शुरू कर दिया। इससे सुबह 10 बजे तक मंडी में जगह नहीं बची तो वाहनों की भीड़ को देखकर मंडी प्रबंधन ने गेट बंद कर दिए और वायपास पर जाम लग गया। समस्या देख सिटी कोतवाली और देहात पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों को कोलुआ रोड, विदिशा रोड पर त्रिदेव मंदिर और गुना व ईसागढ़ रोड से आने वाले वाहनों को राजमाता चौराहे पर रोक दिया।
साथ ही दोनों थानों के करीब 25 पुलिस जवान जाम खुलवाने में जुट गए। वायपास पर एक तरफ अनाज से भरे वाहनों की दोहरी लाइन लगवाकर सड़क के दूसरी हिस्से पर वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई। दोनों गेटों पर वाहनों की भीड़ होने से मंडी को खाली ट्रैक्टर-ट्रालियों को निकालने तीसरा गेट खोलना पड़ा। इससे शहर की अन्य सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई और लोगों को सड़कों पर निकलने परेशान होना पड़ा। शाम को चार बजे सड़क पर लाइन में लगे वाहनों को मंडी में प्रवेश करने दिया।
मंडी के मुताबिक सोमवार को करीब 28 हजार क्विंटल अनाज बिका, जिसमें सबसे ज्यादा 18 हजार क्विंटल गेहूं था। इससे सोमवार को करीब 1400 से अधिक वाहनों का अनाज बिक गया, लेकिन शाम पांच बजे नीलामी बोली बंद हो जाने से करीब 6 00 वाहनों का अनाज शेष रह गया। जिनमें करीब 12 हजार क्विंटल गेहूं भरा हुआ है, जो अब मंगलवार को बिक सकेगा। शहर की कृषि मंडी में जिलेभर से किसान तो आते ही हैं, साथ ही अन्य जिलों के किसान भी फसल बेचने के लिए आते हैं। शादियों का समय होने से आवक बढ़ गई है, इससे किसानों को मंडी में अनाज बेचने के लिए दो-दो दिन रुकना पड़ रहा है।
नवीन मंडी चालू होने पर ही सुधरेंगे हालात मंडी में अनाज से भरे वाहनों को बेतरतीब तरीके से लगा दिया जाता है, नतीजतन पूरा परिसर जल्दी भर जाता है। लेकिन ट्रालियों को सही तरीके से लगवाने पर ध्यान नहीं दिया जाता है। यदि सही तरीके से लगवाई जाएं, कुछ और वाहन मंडी की नीलामी बोली में लग सकते हैं। वहीं परिसर भी छोटा होने से समस्या रहती है। किसानों और व्यापारियों का कहना है कि आवक बढऩे से अब नवीन मंडी की जरूरत महसूस होने लगी है। नवीन मंडी में खरीदी शुरू होने के बाद ही किसानों को घंटों लाइन में लगने की समस्या से मुक्ति मिलेगी, तो वहीं शहर की सड़कों से भी जाम की समस्या खत्म होगी।