कश्मीर के कारण 58 साल पहले कराची से इस्लामाबाद बनी पाक की राजधानी, ऐसे हुई थी घोषणा चुनाव में तीन हिन्दू जीते पाकिस्तान चुनाव बीतने के बाद इन चुनावों के बारे में कई तरह के रोचक तथ्य सामने आ रहे हैं। नवीनतम जानकारी के अनुसार पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के तीन हिन्दू उम्मीदवार सिंध प्रांत के मुस्लिम बहुल इलाकों से चुनाव जीत गए हैं।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की थारपारकर सीट से महेश मलानी, प्रांतीय असेंबली की पीएस-147 से हरि राम किश्वरी लाल और पीएस-81 से ज्ञानूमल इसरानी चुनाव जीत गए हैं। बता दें कि नेशनल असेम्बली के चुनाव में पहली बार सामान्य सीटों पर हिन्दू निर्वाचित हुए हैं।
पीपीपी ने रचा इतिहास पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इन चुनावों में 5 हिन्दुओं को टिकट दिया था। ऐसा पहली बार है कि इन चुनावों में इतने अधिक संख्या में एक पार्टी ने हिन्दू उम्मीदवार उतारे हों। जानकार तीन हिन्दू उम्मीदवारों की जीत को पाकिस्तान चुनाव में एक बड़ा उलटफेर मान रहे हैं।नेशनल असेंबली की थारपारकर सीट से महेश मलानी को 106,630 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी अरबाब जकाउल्लाह को 87,261 मत प्राप्त हुए। वहीं किश्वरी लाल मीरपुरखास जिले से विजयी हुए हैं। यहां करीब 23 प्रतिशत हिन्दू आबादी है। किश्वरी लाल आसिफ अली जरदारी के करीबी माने जाते हैं। वहीं तीसरे विजय उम्मीदवार इसरानी को 34,927 वोट मिले और वह लगभग 9 हजार वोटों से विजयी रहे।
वॉटरगेट कांड के रिपोर्टर की नजरें अब ट्रंप प्रशासन पर, जल्द जारी करेंगे नई किताब बता दें कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या कुल जनसंख्या के लगभग 2% है। पाकिस्तानी हिंदुओं में 1.6% अनुसूचित जाति और 0.25% अनुसूचित जाति में विभाजित किया गया है। पाकिस्तान को ब्रिटेन से स्वतन्त्रता 14 अगस्त, 1947 मिली । उसके बाद मानव इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन देखा गया। 44 लाख हिंदुओं और सिखों ने भारत की ओर स्थानान्तरण किया, जबकि भारत से 4.1 करोड़ मुसलमानों ने पाकिस्तान को आशियाना बनाया।