नेपाल में आई इस प्राकृतिक आपदा ( natural Disaster ) में अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 128 लोग घायल हुए हैं और 53 लोग लापता हैं। बाढ़ के कारण हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा है। लोग स्कूल व अन्य ऊंची जगहों पर शरण लेने को विवश हैं। नेपाल के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( Disaster Management Authority of Nepal ) ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया है कि ये आंकड़े गुरुवार तक के हैं।
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बता दें कि हिमालय की तराई इलाके में बीते दो हफ्तों से लगातार बारिश हो रही है। इसके कारण बाढ़ व भूस्खलन से नेपाल का म्याग्दी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस जिले में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, मलबे में कई लोगों के अभी भी दबे होने की आशंका है। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए राहत बचाव का कार्य जारी है।
पश्चिमी नेपाल सबसे अधिक प्रभावित
आपको बता दें कि नेपाल में बीते कई दिनों से हो रहे बारिश के बाद बाढ़ व भूस्खलन से नेपाल ( Landslide In Rain ) का पश्चिमी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पश्चिमी नेपाल ( Western Nepal ) का मायागड़ी जिला में सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, कई लोग लापता हैं, जिसके लिए तलाशी अभियान और राहत बचाव का कार्य भी जारी है। मायागड़ी जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं। बाढ़ व भूस्खलन से पीड़ित लोगों को स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण दी गई है।
बिहार के कई जिलों में बाढ़
आपको बता दें कि नेपाल और सीमावर्ती भारतीय इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश ( Heavy Rain In Bihar and UP ) के कई जिलों में बाढ़ का कहर है। बाढ़ की इस त्रासदी से बिहार में काफी जानमाल का नुकसान हुआ है। वहीं, कई गांव पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। राजधानी पटना तक पानी पहुंच चुका है। नदियां उफान पर है। फिलहाल NDRF की टीम राहत बचाव कार्य में लगी हुई है।
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गौरतलब है कि बाढ़ की वजह से बिहार के गोपालगंज जिले ( Gopalganj District ) में सारण मुख्य तटबंध दो जगहों पर टूट गया है। इससे पहले बरौली के सिकटिया गांव के समीप रिंग बांध टूट गया। बांध टूटने के कारण देखते ही देखते 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया और हजारों लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
सारण तटबंध टूटने से देवापुर के समीप एनएच 28 पर बाढ़ का पानी बह रहा है। बाढ़ से सिधवलिया, मांझागढ़, गोपालगंज, बरौली, बैकुंठपुर, लकड़ी नवीगंज, गोरेयाकोठी, बसंतपुर, मशरक, इसुआपुर, तरैयां, पन्नापुर, मढ़ौरा आदि इलाके प्रभावित हैं।