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बढ़ती श्रमिक लागतों के बीच यूरोपीय देशों को जापानी रोबोट्स का सहारा

श्रमिकों की कमी और उच्च मजदूरी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए यूरोप के देश जापानी रोबोट्स का सहारा लेने लगे हैं। यूरोप में ऐसे रोबोट्स आम होते जा रहे हैं, जो भोजन परोसने से लेकर कारखानों में वेल्डिंग तक का काम करते हैं।

Mar 07, 2024 / 12:29 pm

Kiran Kaur

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बढ़ती श्रमिक लागतों के बीच यूरोपीय देशों को जापानी रोबोट्स का सहारा,बढ़ती श्रमिक लागतों के बीच यूरोपीय देशों को जापानी रोबोट्स का सहारा

नई दिल्ली। चीन और जापान जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच रोबोट्स तकनीक लगातार समृद्ध हो रही है। माल गोदामों से लेकर चिकित्सा के क्षेत्र में भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। अब श्रमिकों की कमी और उच्च मजदूरी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए यूरोप के देश जापानी रोबोट्स का सहारा लेने लगे हैं। यूरोप में ऐसे रोबोट्स आम होते जा रहे हैं, जो भोजन परोसने से लेकर कारखानों में वेल्डिंग तक का काम करते हैं।
जापानी कंपनी ने अपने सेंटर का आकार बढ़ाया:

जापान की सबसे बड़ी रोबोटिक्स कंपनियों में से एक फैनुक ने बार्सिलोना के पास अपने स्पेनिश बिक्री केंद्र का आकार चौगुना कर लिया, जिससे यूरोप में इसका विस्तार हुआ है। जर्मनी, इटली और तुर्की में इसकी सुविधाएं पहले से ही हैं। अब तक रोबोट श्रमिकों की मांग बड़े पैमाने पर एशिया तक ही केंद्रित रही है और लगभग तीन-चौथाई नए रोबोट इसी क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं। एशिया में एक दशक में ऑटोमेशन की तत्काल आवश्यकता बढ़ी है क्योंकि कम जन्म दर और उम्रदराज होती आबादी के कारण श्रमिकों की कमी कंपनियों के लिए मुसीबतों में इजाफा कर रही है।
यूरोजोन में मजदूरी में रेकॉर्ड स्तर पर वृद्धि:

जापानी रोबोटिक्स कंपनियों के लिए चीन लंबे समय से सबसे बड़ा बाजार रहा है। चीन में विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले रोबोट्स की संख्या 2021 में प्रति 10,000 कर्मचारियों पर 322 यूनिट के अनुपात तक पहुंच गई, जो अमरीका में रोबोट घनत्व से अधिक था। लेकिन चीन में आर्थिक मंदी के कारण यहां कारखानों की गतिविधियां घटी हैं, परिणामस्वरूप जापानी रोबोट्स की मांग में गिरावट आई है। गत वर्ष की तीसरी तिमाही में यूरोजोन में तय मजदूरी में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो रेकॉर्ड स्तर पर उच्चतम रही। दुनियाभर में श्रम लागत बढ़ रही है, ऐसे में रोबोट्स जैसी तकनीकों में निवेश होने लगा है।
एआइ से युक्त रोबोट्स बढ़ाएंगे उत्पादकता:

कंपनियां पहले से ही यूरोपीय संघ के तंग श्रम बाजार में श्रमिकों को खोजने के लिए संघर्ष कर रही थीं। ऐसे में कई कंपनियां अब रोबोट्स का प्रयोग करने लगी हैं। ये रोबोट्स पेंटिंग, वेल्डिंग, गुणवत्ता निरीक्षण और खतरनाक रसायनों को संभालने जैसे कामों में सक्षम हैं। माना जा रहा है कि जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआइ) से युक्त रोबोट, गतिविधियों के दायरे को बढ़ाकर उत्पादकता में वृद्धि करेंगे। यूरोपीय संघ, कारखानों में रोबोट्स की तैनाती के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां जर्मनी, इटली और फ्रांस प्रमुख मार्केट हैं। जबकि देशों के मामले में दुनियाभर में सबसे ज्यादा रोबोट्स चीनी कारखानों में तैनात हैं और भारत का स्थान 11वां है।
कारखानों में रोबोट्स की नियुक्ति
एशिया-73%
यूरोप -15%
अमरीका -10%
स्रोत: वर्ल्ड रोबोटिक्स रिपोर्ट, 2023

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