
शनि देव 17 जून से चलेंगे वक्र चाल
चार नवंबर को कुंभ राशि में सीधी चाल चलेंगे शनि
पं. अरविंद तिवारी के अनुसार न्याय के देवता शनि जब सीधी चाल चलते हैं ( मार्गी होते हैं) तो शुभ फल प्रदान करते हैं लेकिन वे जब उल्टी चाल चलते हैं (वक्री होते हैं) तो अपना शुभ फल देने में असमर्थ हो जाते हैं यानी जब शनि उल्टी चाल चलते है, तो वह लोगों को बहुत पीड़ा देते है और यह लंबे समय तक असरकारी होता है क्योंकि शनि बहुत धीमी चाल से चलते हैं।
शनि 17 जून 2023 की रात से वक्री होने जा रहे (vakri shani kumbh rashi) हैं, इसके बाद चार नवंबर तक ये कुंभ राशि में वक्री अवस्था में ही भ्रमण करेंगे। इनके दोबारा मार्गी होने पर स्थितियां बदलेंगी।
इन दो राशियों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
बता दें कि शनि ढाई वर्षों तक एक राशि में भ्रमण करते हैं, जैसा हम जानते हैं कि शनि का 17 जनवरी 2023 को राशि परिवर्तन हुआ था। इस समय उन्होंने मकर राशि से अपनी स्वयं की राशि यानी मूलत्रिकोण की राशि में प्रवेश किया था लेकिन अब शनि 17 जून की रात से उल्टी चाल चलना शुरू करने वाले हैं। लेकिन दो राशियों पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
वृषभ राशिः इस राशि के लिए शनि की वक्री चाल का सामान्य असर रहेगा।
कन्या राशिः शनि की वक्री चाल से कन्या राशि के जातकों को कोई विशेष परेशानी नहीं होने वाली है।
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी के अनुसार शनि की वक्री अवधि में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनि के मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अलावा सायंकाल शनि महाराज के मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं। इससे कष्ट में राहत मिल सकती है।
Updated on:
07 Jun 2023 02:17 pm
Published on:
07 Jun 2023 02:14 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
