नजर रखें और सावधान भी रहे। इससे इतर बलबीर जेल में कैदियों से घुलने-मिलने की कोशिश कर रह रहा है। कैदियों से कह रहा है कि उसने कैसे अचानक आपा खो दिया, यह उसे भी नहीं मालूम। वह सबसे कह रहा है कि मामूली मजाक के बाद भड़क गया था और देखते ही देखते अंधाधुंध गोलीबारी कर चार साथियों को ढेर कर दिया।