script“28 सालों तक रामलला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे…” निमंत्रण के सवाल पर ये बोले मुख्य पुजारी | For 28 years Ramlala lived in tarpaulin but now he...said chief priest | Patrika News
अयोध्या

“28 सालों तक रामलला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे…” निमंत्रण के सवाल पर ये बोले मुख्य पुजारी

Ram Mandir: रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि उस समय बहुत कष्ट होता था जब बरसात के छींटे भगवान के आसन तक आते थे। प्रभु को सप्ताह में 7 वस्त्र पहनाए जाते थे। एक बार रामनवमी को जो वस्त्र बनते थे, वही सालभर चलते थे, जबकि उन्हें रोज नए वस्त्र पहनाए जाने चाहिए।

अयोध्याDec 29, 2023 / 06:22 pm

Aman Pandey

For 28 years Ramlala lived in tarpaulin but now he...said chief priest
Ram Mandir: राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “जिसकी आस्था हो, जो जानते हैं और विश्वास करते हैं कि प्रभु राम हैं वे आएंगे। लेकिन जो राम को नकार दिया, राम के सत्ता को नकार दिया और उनके अस्तित्व को ही नहीं स्वीकारा, जब कोर्ट मे केस चलता था तो 20 वकील खड़ा करते थे, तो उन्हें आने की जरूरत नहीं है।
अयोध्या के नवनिर्मित भव्य मंदिर में 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसकी तैयारियों के बारे में ANI ने मुख्य पुजारी से बातचीत की। इस दौरान राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “जिसकी आस्था हो, जो जानते हैं और विश्वास करते हैं कि प्रभु राम हैं वे आएंगे। लेकिन जो राम को नकार दिया राम के सत्ता को नकार दिया और उनके अस्तित्व को ही नहीं स्वीकारा। जब कोर्ट मे केस चलता था तो 20 वकील खड़ा करते थे, तो उन्हें आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कि जब वो राम को ही नहीं मानते तो उनको निमंत्रण देने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।”
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‘भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत होगा’

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके अयोध्या आ गए तो मुझे यकीन था कि यह कठिनाइयां ज्यादा दिन की नहीं हैं। 28 वर्षों तक राम लला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत होगा।”
अदालतें तो 1949 के पहले से हैं…

वहीं, आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब मुख्य पुजारी से पूछ गया कि राम मंदिर का श्रेय किसे जाता है। इस पर उन्होंने कहा, ‘अदालतें तो 1949 के पहले से हैं। इतने वर्षों में राम मंदिर को लेकर फैसला क्यों नहीं आया? कांग्रेस की सरकार रही, और सरकारें आईं तब यह क्यों नहीं हुआ? भाजपा की सरकार आई तो राम मंदिर की सुनवाई टालने की साजिश किसकी थी? मैं कहूंगा कि जिनकी राम में आस्था है, जिन पर भगवान की कृपा है वे सत्ता में हैं और जो मन व कर्म से विरोधी थे वे बाहर हैं।
देश और उत्तर प्रदेश में कई पार्टियों की सत्ता आई, लेकिन किसी सरकार की दृष्ठि अयोध्या पर नहीं आई। बीजेपी जबसे सरकार में आई, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या पर दृष्टि बनी हुई है। उनकी वजह से आज अयोध्या बहुत तेजी से विकसित हो रही है।’

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