रामलला को टेंट से मुक्ति मिलने के बाद आगामी 25 मार्च यानी नवरात्र के पहले दिन से भक्त नए स्थल पर रामलला का दर्शन कर सकेंगे। इस बार गर्भगृह में रामलला को गर्मी से बचाने के लिए एसी भी लगाया जाएगा। अभी तक रामलला के लिए यह व्यवस्था नहीं थी। सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में रामलला टेंट में विराजते थे, उनके लिए कोई अतिरिक्त सुविधा भी नहीं थी। लेकिन अब रामलला को हर तरह सुविधाएं मिलेंगी। अयोध्या के जिलाधिकारी और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनुज कुमार झा ने बताया कि 18 मार्च तक सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध कार्य पूरा होने के बाद प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर को स्थापित करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर पूर्णतया वातानुकूलित है और रामलला 24-25 डिग्री सेल्सियस तापमान में रहेंगे। जिलाधिकारी झा ने बताया कि 20 मार्च से अयोध्या के एकादश वैदिक आचार्य रामलला की प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान आरंभ करेंगे जो कि 25 मार्च तक जारी रहेगा। पुन: चैत्र नवरात्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान 25 मार्च से आरम्भ होकर दो अप्रैल को रामनवमी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि में शुरु होने वाले अनुष्ठान में काशी के आचार्य भी 22 मार्च से शामिल होंगे।
रामलला का भव्य जन्मोत्सव
इस बार रामलला के दरबार में भव्य रामजन्मोत्सव की तैयारी तेज है। रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार की रामनवमी खास होगी। रामलला के जन्मोत्सव में श्रद्धालु शामिल होंगे। रामलला को तीन कुंतल पंजीरी, एक कुंतल पंचामृत का भोग लगेगा। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भव्य व्यवस्था कर रहा है। श्रद्धालुओं को भी इस बार भोग प्रसाद वितरित किया जाएगा।
राजस्थान से पहुंचे तकनीकी दल के 14 सदस्य
रामजन्मभूमि के सत्तर एकड़ के विस्तृत परिसर में निर्माण कार्य आरम्भ करने से पहले तकनीकी स्तर पर की जाने वाली प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए तकनीकी दल के 14 सदस्य भी अयोध्या पहुंच चुके हैं। लार्सन एण्ड टुर्बो कंपनी के यह सदस्य राजस्थान से आए हैं। इस दल का नेतृत्व इंजीनियर राजेश गुप्त कर रहे हैं। इस दल के सदस्य जमीन की खुदाई के लिए अपने साथ आधुनिक मशीनों को भी लाएं हैं। दरअसल रामजन्मभूमि परिसर में मृदा परीक्षण का काम जारी है। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर मिट्टी निकाली जानी है। इं. राजेश गुप्त ने बताया कि मृदा परीक्षण के लिए 30 मीटर गहरे तक खुदाई की जाएगी। उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अफसरों की चिंता का विषय बने रामलला के दर्शनार्थी
पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के आतंक के बीच अयोध्या में भी वायरस की दस्तक हो गई है। एक संदिग्ध मरीज के पाए जाने के बाद प्रशासनिक महकमे में हडकंप मच गया है। अफसरों को रामलला के दर्शनार्थियों को नियंत्रित करने का उपाय नहीं समझ में आ रहा है। इसी हडकंप के बीच अयोध्या के सीएमओ डॉ. परशुराम सिंह ने रामनवमी मेला पर रोक लगाने का सुझाव जिला प्रशासन को दिया है। उनका कहना है कि मेले में चारो दिशाओं से आने वाली भीड़ की स्क्रीनिंग नहीं की जा सकती। इसके विपरीत जिलाधिकारी अनुजकुमार झा ने सीएमओ के बयान को फेक करार देते हुए कहा कि धार्मिक परम्पराओं को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। फिर भी इस संबंध में जरुरी उपायों के लिए शासन स्तर पर बात की जाएगी।