उन्होंने बताया कि ट्रस्ट और राम लला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज की टीम ने भी इस काम में मदद की। उन्होंने बताया “भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिन्हें पीतांबर के रूप में जाना जाता है। इसलिए हमने पीतांबरी कपड़ा चुना। हमने इसे विशेष रूप से काशी में बनवाया है। यह कोई साधारण कपड़ा नहीं है। हमने इसे खासतौर पर काशी के बुनकरों से बनवाया है। यह रेशम, चांदी और सुनहरे धागों से बना हाथ से बुना हुआ कपड़ा है।”
उन्होंने कहा कि भगवान राम के लिए कपड़ों की आलमारी जरूरतों के मुताबिक डिजाइन की गई है। उन्होंने कहा, “इसकी चौड़ाई 21 इंच और ऊंचाई 51 इंच है। यह शुद्ध सागौन की लकड़ी से तैयार किया गया है। यह चमकीले मैरून रंग के कपड़े से ढका हुआ है। अलमारी के दरवाजे और हैंडल पर सुंदर पीतल का काम है। पूरी अलमारी को दो डिब्बों में विभाजित किया गया है। एक हिस्से में पोशाक और दूसरे में मैचिंग आभूषण रखे गए हैं। उन्होंने बताया, “लाल रंग की पोशाक मंगलवार के लिए, हरा बुधवार के लिए, पीला गुरुवार के लिए, हरा शुक्रवार के लिए, नीला शनिवार के लिए, गुलाबी रविवार के लिए और सफेद सोमवार के लिए है।” त्रिपाठी और उनकी टीम ने भगवान राम और उनके तीन भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के लिए कपड़े तैयार करने में करीब 40 दिन लगाए हैं।