
आजमगढ़ में अखिलेश यादव का विरोध, Pc: सोशल मीडिया
आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इटावा कांड पर दिए गए कथित ब्राह्मण विरोधी बयान को लेकर ब्राह्मण समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। बुधवार को अखिलेश यादव के आजमगढ़ आगमन से पहले जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ब्राह्मण समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों पर काले झंडे लगाकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया।
ब्राह्मण समाज के इस विरोध का नेतृत्व अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा और विश्व हिंदू महासंघ के बैनर तले किया गया। कंधरापुर थाना क्षेत्र के अनवरगंज गांव स्थित अखिलेश यादव के नवनिर्मित आवास और कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले विरोध के स्वर तेज हो गए।
ब्राह्मण बहुल गांवों जैसे उगर पट्टी, चेवता, गौरी नारायणपुर, बनहरा, गजहड़ा, चेवार और पलथी में सैकड़ों ब्राह्मण परिवारों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध प्रकट किया। लोगों का कहना है कि इटावा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद पूरे ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करना अत्यंत निंदनीय है।
विरोध कर रहे ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि सभी जातियां आपसी सौहार्द के साथ रहती हैं, लेकिन अखिलेश यादव का बयान ब्राह्मण और यादव समुदाय के बीच दूरी बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से दिया गया है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।
ब्राह्मण समाज ने यह स्पष्ट किया कि उनका विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण है। वे केवल काले झंडे लगाकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं, ताकि नेता समझ सकें कि जातिगत राजनीति अब स्वीकार नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि आजमगढ़ जनपद को समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है। जिले की सभी 10 विधानसभा सीटों और दोनों लोकसभा सीटों पर सपा का दबदबा है। ऐसे में पार्टी प्रमुख के गृह जनपद में इस प्रकार का खुला और संगठित विरोध समाजवादी पार्टी के लिए 2027 के चुनावों से पहले एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बन सकता है।
Published on:
03 Jul 2025 05:01 pm
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