
एलपीजी सब्सिडी
आजमगढ़. केंद्र में सराकर बनाने के बाद पीएम मोदी ने आम आदमी को बिचौलियों से बचाने और उसका हक सीधे खाते में पहुंचाने के लिए खाद, बीज से लगायत रसोई गैस तक पर सब्सिडी सीधे खाते में भेजने की व्यवस्था की लेकिन आज यही व्यवस्था आम आदमी के लिए मुसीबत बन गयी है। जिले में 15 से 20 प्रतिशत ऐसे उपभोक्ता हैं जिनकी गैस सब्सिडी खाते में पहुंच ही नहीं रही। लोग वितरक से लगायत बैंक तक का चक्कर काट रहे हैं। गैस एजेंसी संचालक एनपीसीआई को जिम्मेदार ठहराकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। उपभोक्ता दर दर भटक रहे है। इसका सीधा असर सरकार की छवि पर पड़ रहा है।
बता दें कि शुरूआती दौर में इसे सरकार का सबसे अच्छा फैसला माना जा रहा था। कारण कि लोगों को एक तो समय से गैस मिल जा रही थी दूसरे सब्सिडी भी खाते में आ जा रही थी। सबसे खास बात थी कि गैस एजेंसी संचालक जो कनेक्शन देने के नाम पर चुल्हा आदि खरीदनें के लिए बाध्य कर प्रति कनेक्शन 6000 से 6500 रूपये लेते थे, मोदी सरकार द्वारा सब्सिडी की व्यवस्था लागू करने तथा वर्ष 12 सब्सिडी सिलेंडर फिक्स करने के बाद कनेक्शन का रेट 2500 से 2700 रूपये हो गया है। साथ ही अब सिलेंडर के लिए 21 दिन इंतजार नहीं करना पड़ता।
सरकार के इस निर्णय के बाद कई लोंगों ने तो सब्सिडी तक छोड़ दिया लेकिन मध्यम और गरीब तबके के लोग सब्सिडी के लिए अपने-अपने गैस एजेंसियों पर बैंक खाता नम्बर व आधार कार्ड की छायाप्रति को जमा कर दिये। आधार से लिंक होने के बाद लोगों के खाते में सब्सिडी का धन तो जा रहा है लेकिन तमाम ऐसे रसोई गैस उपभोक्ता है जिनके खाते में सब्सिडी नहीं पहुंच रही है। सब्सिडी के लिए वह अपने डिस्ट्रीब्यूटर व बैंकों का चक्कर लगा रहें हैं। खाते से आधार लिंक होने के बाद भी बार-बार आधार लिंक करवाने की बात कहकर डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा दौड़ाया जा रहा है।
अब यह योजना उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन गयी है। गैस वितरक एजेंसियों पर तैनात कर्मचारी कहते है कि हमारी कंपनी सब्सिडी नही देती है सब्सिडी एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) देती है। बैंक में तो आपका आधार कार्ड सक्रिय बता रहा है लेकिन एनपीसीआई में आपका आधार कार्ड डिएक्टिव बता रहा है। जिसके कारण आपके खाते में सब्सिडी नही भेजी जा रही है। इस समस्या का समाधान कहां से होगा इसकी भी विरतको को सही जानकारी नही है। जिसके कारण आम जनता सब्सिडी के लिए दर-दर भटक रही है।
एनपीसीआई का कोई टोल फ्री नम्बर भी नही है जिससे कि उपभोक्ता अपनी समस्या का समाधान करा सके। वितरक सिर्फ उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने तक ही अपनी जिम्मेदारी समझते है। इसके बाद उनको उपभोक्ताओं की समस्याओं से कोई लेना देना नही रह गया है। साई भारत गैस आजमगढ़ के उपभोक्ता राजीव विश्वकर्मा, सतीष सिह व शैलेश आदि ने बताया कि सब्सिडी न आने की सबसे ज्यादा समस्या भारत गैस कनेक्शनधारियों को ही हो रही है। जब कनेक्शन लिया गया तो एक दो बार सब्सिडी खाते में भेजी गई लेकिन अब नही दी जा रही है। पता करने पर एजेंसी पर तैनात कर्मचारी कहते है कि आपका आधार एनपीसीआई में इन ऐक्टिव बता रहा है जिसके कारण एनपीसीआई से सब्सिडी नहीं भेजी जा रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बीच-बीच में आधार कार्ड अचानक एनपीसीआई मे डीएक्टिव कैसे हो जा रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर एक गैस एजेंसी मैनेजर ने बताया कि यह समस्या सबसे ज्यादा भारत गैस कनेक्शन धारियों के सामने ही आ रही है। 9 सौ रूपये का सिलेण्डर लेने वाले गरीब तबके के लोग सरकार के इस सब्सिडी वाले सिलेंडर को भ्रष्टाचार का नया जरिया बता रहे है। भारत सरकार और पेट्रोलियम मंत्री ने अगर इस समस्या पर ध्यान नही दिया तो गरीबों का लाखों रूपये डूब जाएगा। सरकार की यह चोजना भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाएगी।
By Ran Vijay Singh
Published on:
27 Sept 2018 12:33 pm
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