वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के लिए पिछड़ों की पार्टी के पक्ष में लामबंदी और उज्ज्वला योजना का माना गया। कारण कि यह एक ऐसी योजना थी जिसके जरिये बीजेपी सरकार ने लगभग हर गरीब के घर तक पहुंच बनायी थी। राजनीति के जानकार रामजीत सिंह कहते हैं कि निश्चित तौर पर बीजेपी को इस योजना का लाभ मिला था। अगर ऐसा न होता तो इतनी सीटे नहीं मिलती। भाजपा के लोग भी इस बात को स्वीकार करते है। बीजेपी सरकार आज भी इस योजना को गंभीरता से रही है।
वहीं विपक्ष बीजेपी को मात देने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहा है। विपक्ष की एकजुटता से उपचुनावों में बीजेपी को हार का सामना भी करना पड़ा है। बीजेपी भी इस चुनौती को अच्छी तरह समझ रही है। यही वजह है कि नेता विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं तो अटल जी को भी भुनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। वहीं बीजेपी का इस समय पूरा फोकस सौभाग्य, पीएम आवास, शौचालय और आयुष्मान योजना पर है।
अधिकारियों को सख्त हिदायत है कि सभी गांव जल्द से जल्द ओडिएफ हो जाने चाहिए। गांवों के ओडिएफ होने का मतलब है हर घर में शौचालय बन जाना। हालत यह है कि कही कही तो जिस घर में तीन परिवार है उन सभी को शौचालय दिया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को आवास भी देने की कोशिश सरकार कर रही है। बिजली विभाग के लोग भी घर-घर तक पहुंचकर कनेक्शन दे रहे हैं। बीजेपी की कोशिश है कि हर परिवार तक किसी एक ऐसी योजना का लाभ पहुंचे जिससे वे यह मामने के लिए विवश हो कि सरकार ने उन्हें कुछ दिया है।
भाजपा के पूर्व महामंत्री ब्रजेश यादव कहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि सरकारी योजना गांव के अंतिम छोर तक पहुंचे। निश्चित तौर पर जनता भी अच्छा काम करने वाली सरकार चाहती है। यह स्वाभाविक सी बात है कि सरकार ने काम किया है तो उसे इसका लाभ मिलेगा। हम सरकार के काम को लेकर ही जनता के बीच जाएंगे।