स्टाफ नर्सों का वेतन रोका बागपत में आठ स्टाफ नर्सों की फर्जी नियुक्तियों का मामला उस समय सामने आया, जब 10 दिन पूर्व लखनऊ से एक स्टाफ नर्स ज्वाइन करने के लिए सीएमओ कार्यालय पहुंची। नियुक्ति पत्र पर शक होने के बाद सीएमओ बागपत ने इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHRM) के डायरेक्टर को पत्र भेजकर मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश कर दिए। साथ ही स्टाफ नर्सों का वेतन रोक दिया गया और उनको कार्यमुक्त भी कर दिया गया।
लखनऊ से जारी हुआ था नियुक्ति पत्र सीएमओ डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया की नियुक्ति पत्र स्वास्थ्य मिशन लखनऊ द्वारा जारी किया गया था। इस पर एनएचआरएम के निर्देशक का डिजिटल हस्ताक्षर भी था। उनको नियुक्ति पत्र देखते ही शक हो गया। जांच कराने तक उन्होंने युवती को बतौर स्टाफ नर्स ज्वाइन करा दिया। साथ ही एनएचआरएम लखनऊ के डायरेक्टर को पत्र भेजकर जानकारी भी दी गई। जांच कराने की बाद मामले की परतें खुलती चली गईं। इसमें नियुक्ति फर्जी पाई गई। इसके साथ ही बागपत में सात अन्य स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां भी फर्जी मिली हैं।
तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर सुषमा चंद्रा के कार्यकाल में हुई थीं नियुक्तियां बताया गया है कि अक्टूबर माह में तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर सुषमा चंद्रा के कार्यकाल में अलग-अलग स्थानों पर सात स्टाफ नर्सों की नियुक्तियां हुई थीं। इसमें जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपरौली, बिनोली और पिलाना में दो, जबकि बागपत व खेकड़ा में एक-एक स्टाफ नर्स को तैनाती दी गई थी। यह भी बताया जा रहा है कि इन सभी की नियुक्ति लाखों रुपए लेकर की गई थी। इससे पहले भी एक बार सीएमओ डॉक्टर सुषमा चंद्रा के कार्यकाल में नियुक्तियों पर सवाल उठे थे, लेकिन मामला ठंडा हो गया था। अब एनएचएम के डिप्टी डायरेक्टर जसजीत कौर ने सीएमओ से तीन दिन के अंदर ही की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।