scriptदेश के सबसे हाइटेक एक्सप्रेस-वे पर दिखा बेबसी का कारवां, पैदल ही सफर तय कर रहे मजदूर | labor migrating towards their hometown | Patrika News
बागपत

देश के सबसे हाइटेक एक्सप्रेस-वे पर दिखा बेबसी का कारवां, पैदल ही सफर तय कर रहे मजदूर

Highlights:
-ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर बेबसी का कारवां अपनी मंजिल की ओर भूखा प्यासा बढ़ा चला जा रहा है
-एक्सप्रेस वे के अलावा खेतों के रास्ते से भी मजदूर चल रहे हैं
-आरोप है कि उन्हें किसी भी तरह की मदद प्रशासन से नहीं मिली

बागपतMay 16, 2020 / 05:06 pm

Rahul Chauhan

20200512_091844.jpg
बागपत। चिलचिलाती धूप, पैरों में छाले, कांधे पर पोटली, भूखे पेट की बेबसी। कुछ ऐसा हाल है उन मजदूरों का जिनकों हाकिमों की दुत्कार के अलावा कोई सहारा नहीं मिल रहा है। सरकार आदेश जारी कर चुकी है कि कोई मजदूर पैदल नहीं चलेगा, लेकिन सिस्टम की बेरुखी के आगे यह आदेश कोई मायने नहीं रखते है। जिस कारण ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर बेबसी का कारवां अपनी मंजिल की ओर भूखा प्यासा बढ़ा चला जा रहा है। एक्सप्रेस वे के अलावा खेतों के रास्ते से भी मजदूर चल रहे हैं। सरकारी हाकिमों के पास इसका कोई जवाब नहीं है, भले ही मजदूरों के साथ कोई बड़ी घटना घट जाए। इसकी परवाह सिस्टम को नहीं है।
यह भी पढ़ें

देश-विदेश में विख्यात खुर्जा का पॉटरी उद्योग हुआ चोपट, केंद्र सरकार से ये हैं उम्मीद

लॉकडाउन में मजदूरों का अपने घरों की ओर जाने का सिलसिला जारी है। जिन मजदूरों ने पंजीकरण कराया है उन्हें तो बसों के माध्यम से घर भेजा जा रहा है, लेकिन जो पंजीकरण नहीं करा सके उनका साथ सरकारी हाकिमों ने निभाने से हाथ खड़े कर दिए है। वह मजदूर पैदल ही सैंकड़ो किलोमीटर का मुश्किल भरा सफर तय करने को मजबूर है। वह सरकारी सिस्टम के पास अपनी पीड़ा लेकर पहुंचते है तो उन्हें दुत्कार ही मिलता है। पंजीकरण नहीं होने की बात कहकर अधिकारी भगा देते है। मजदूरों के पैदल चलने पर सरकार जरूर जागी है और आदेश जारी किए की कोई भी मजदूर पैदल नहीं चलेगा।
यह भी पढ़ें

65 मजदूरों की हुई मौत तो प्रियंका गांधी ने सीएम योगी से कहा— 1000 बसें चलाने की अनुमति दें

इस आदेश का कितना पालन हो रहा है इसकी बानगी बागपत से गुजर रहे मजदूरों के कारवाँ से देखी जा सकती है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर मजदूरों का कारवां पैदल चल रहा है। सोनीपत जनपद में बॉर्डर वहां की पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं करती है। बागपत यमुना बॉर्डर पर आते ही उन्हें वापस कर दिया जाता है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा से पैदल चलकर आने वाले मजदूरों को यहां से वापस जाने को कहा जाता है तो वह अधिकारियों की खुशामद तक करते है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। मजबूरी में वह पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से बचने के लिए खेतों के रास्ते चलने को मजबूर है
यह भी पढ़ें

जानिये, कब से शुरू होगी मेट्रो ट्रेन, यात्रियों को इन 10 बातों का रखना होगा ध्यान

छोटे बच्चे, महिलाएं भी पैदल चलने को मजबूर है। उनके कंधे पर वजनी बैग उनका सफर ओर अधिक कठिन कर रहा है। चिलचिलाती धूप में थक कर वह खेतो में ही पेडों के नीचे लेटने को मजबूर है। भूखे प्यासे मजदूरों की पीड़ा सरकारी हाकिम देखने को तैयार नहीं है। आसपास के गांवो के ग्रामीण उनके खाने का प्रबंध कर रहे है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को तो सरकार के आदेश की भी चिंता नहीं है। मजदूरों का कहना है कि उनके जाने के लिए कोई संसाधन नहीं दिए जा रहे हैं।

Home / Bagpat / देश के सबसे हाइटेक एक्सप्रेस-वे पर दिखा बेबसी का कारवां, पैदल ही सफर तय कर रहे मजदूर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो