दरअसल, बली गांव निवासी 42 वर्षीय सुरेंद्र सिंह दिल्ली की एक डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात थे। वह मंगलवार रात करीब 9 बजे रोज की तरह अपने तीन साथियों के साथ घर से टहलने के लिए निकले थे। गांव के बाहर पहुंचने पर चार लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। अचानक से गोलियों चलने से गांव में भगदड़ मच गई। हालांकि एक किसान ने साहस दिखाते हुए अपनी लाइसेंसी बंदूक हमलावरों पर फायर कर दिया। इससे हमलावर उल्टे पांव दौड़ पड़े। एक हमलावर तो दीवार के सहारे से होकर भागा। बाद में आनन-फानन में परिजन सुरेंद्र सिंह को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने सुरेंद्र सिंह के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पर भेजा। वहीं, सीओ अनुज मिश्रा व कोतवाली प्रभारी अजय कुमार शर्मा ने पहले अस्पताल पहुंचकर सुरेंद्र के परिजनों से जानकारी प्राप्त की।
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Lakhimpur Khiri Violence Followup: लखीमपुर मामले में तेज हुई सियासत, प्रियंका ने पीएम से किये सवाल तो भूपेश बघेल भी पहुँचे लखनऊ कोतवाली प्रभारी अजय कुमार शर्मा का कहना है कि सुरेंद्र के तीन-चार गोली मारी गई हैं। हमलावरों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। केस का जल्द ही घटना का राजफाश किया जाएगा। कोतवाली प्रभारी के मुताबिक, सुरेंद्र सिंह के एक गोली सीने, एक पेट, एक जबड़े में लगी है। सही जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी। मृतक सुरेंद्र के भाई सतवीर सिंह का कहना है कि उनकी किसी से रंजिश नहीं है। सुरेंद्र सिंह प्रतिदिन सुबह को ड्यूटी जाते थे और शाम को वापस घर लौट आते थे। सुरेंद्र सिंह के दो बेटे अरविंद व विकास हैं। घटना से परिवार में कोहराम मच गया है।