कटंगी। केन्द्र सरकार ने शहरी गरीबों के आवास की जरूरतों को
ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की शुरूआत की है। इस योजना के तहत नगर परिषद् कटंगी में प्रथम चरण में 488 आवासों के निर्माण का लक्ष्य तैयार किया गया है। मगर, अब तक नपा ने आवास का कोई मॉडल तैयार नहीं किया है। हालाकिं इसके पहले ही हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे 1 लाख रुपए की पहली किस्त जमा करा दी है। जिसका हितग्राही जमकर दुरूपयोग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आवास का मॉडल तैयार करने के पहले ही हितग्राहियों के खातों में राशि जमा कराने पर हितग्राही इन पैसों से अपनी जरुरते पूरी कर रहे हैं। पता चला है कि एक हितग्राही ने दोपहिया वाहन तक खरीद लिया है। जबकि कुछ हितग्राही मयखाने में शराब पीकर राशि को बर्बाद कर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित हितग्राहियों से लेन-देन करने के लिए अंत तक सूची का प्रकाशन ही नहीं किया। यह सूची केवल वार्ड पार्षदों तक सीमित थी। इस कारण हितग्राहियों में भ्रम की स्थिति बनी रही। हालाकिं इसके बाद जब संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से आवास बनाने का दबाव आया तो अचानक से सारे हितग्राहियों के खातों में दनादन राशि जमा करा दी गई और फिर पार्षदों ने ही अपने-अपने वार्डों में हितग्राहियों को आवास स्वीकृत होने की जानकारी दी। पता चला है कि जिन हितग्राहियों को पहले ही आवास स्वीकृत होने की खबर लग चुकी थी। उन्होंने खातों में राशि जमा होने के पहले ही पुराना आवास तोड़ दिया, लेकिन जिन्हें जानकारी नहीं थी उन्होंने अब तक पुराना आवास नहीं तोड़ा है। अब जो राशि उनके खाते में जमा हुई है वह उसका दुरूपयोग कर रहे हैं।
शिविर लगाए जाने की मांगवार्ड पार्षद गायत्री ठाकरे एवं जागरूक हितग्राहियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर कैसे बनेगा? नगर परिषद् ने अब तक इसका कोई नक्शा उपलब्ध नहीं करवाई है। इस कारण पुराना आवास तोडऩे के बाद वह खुले आसमान के नीचे जीवनयापन करने को मजबूर है। इधर, नगर परिषद् ने जिन हितग्राहियों के खातों में पहली किस्त जमा कराई है, उनमें से 25 फीसदी हितग्राहियों के खातों में अब राशि जमा नहीं होने की भी जानकारी मिल रही है। बहरहाल प्रधानमंत्री आवास योजना नगर परिषद् की घोर लापरवाही से पहले ही चरण में फ्लाप होती नजर आ रही है। पार्षद ने वार्डों में शिविर लगाकर हितग्राहियों को आवास का मॉडल एवं नियम शर्तों की जानकारी देने की मांग की है, तथा लगातार इसकी मानिटरिंग हो ताकि केन्द्र सरकार की योजना फलीभूत हो सकें।
इनका कहना है।जिन हितग्राहियों के खातों में राशि जमा हो चुकी है और वह राशि का दुरूपयोग कर रहे हंै तो भी उन्हें आवास बनाना ही पड़ेगा अन्यथा हितग्राही के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। स्वीकृत आवासों के शीघ्र ही ले-आउट डाले जाएंगे।
श्रीकांत पाटर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी