गढ़ी सहित दो दर्जन गांवों में दो बाघिन 6 शावकों के साथ कर रही विचरण
एक माह में चार मवेशियों का किया शिकार, खेतों में नहीं जा पा रहे किसान
गढ़ी सहित दो दर्जन गांवों में दो बाघिन 6 शावकों के साथ कर रही विचरण
बालाघाट. कान्हा नेशनल पार्क से गढ़ी लगा होने से उसके आसपास के गांव के जंगलों में हिंसक वन्यप्राणियों की चहल कदमी बनी रहती है। इस क्षेत्र में पिछले एक माह से दो बाघिन अपने 6 शावकों को लेकर विचरण कर रही है। इनमें से एक बाघिन ने दो बैल व दो गाय कुल चार मवेशियों का शिकार किया है। जिससे गढ़ी सहित आसपास के करीब दो दर्जन गांवों में दशहत बनी हुई है। बावजूद इसके वन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा बाघिन को जंगल की ओर खदेडऩे के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है।
परिक्षेत्र गढ़ी के ग्राम पंचायत खलौंड़ी के ग्राम नयाटोला में गत दिवस एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ विचरण करते देखी गई। यहां पिछले एक माह के भीतर दो चार मवेशियों के शिकार किए जाने से यहां के लोग दहशत से अपने मवेशियों को तबेले में बांधकर रख रहे हैं। बाघिन रात में शावकों के साथ गांव के अंदर आने से ग्राम के लोग भयभीत रहते हैं। इस कारण वे शाम होते ही गांव में सन्नाटा सा छा जाता है। वहीं ग्रामीण अपने खेत खलिहान तक नहीं जा पा रहे हैं।
इधर, दूसरी बाघिन का ग्राम समरिया के अलावा ग्राम भिलाईखार, जैतपुरी, डोंगरिया सहित अन्य गांवों में तीन शावकों के साथ विचरण करते पिछले एक माह से देखा जा रहा है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि उनके आसपास के गांवों बाघिन ने अब तक कोई शिकार या किसी पर हमला तो नहीं किया है। लेकिन हिंसक वन्यप्राणी होने से लोग काफी भयभीत रहते है।
वर्सन
क्षेत्र में दो बाघिन अपने शावकों के साथ विचरण कर रही है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को अलर्ट रहने के निदेश दिए गए है। बाघिन के शावक होने से वह जंगल में न रहते हुए गांव के पास ही रहती है।
सुरेश कुसरे, रेंजर गढ़ी