सामूहिक विवाह फरवरी में
महिला एवं बाल विकास अधिकारी विपिन जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह के तहत जिले में 250 जोड़े शादी करने का लक्ष्य मिला है। सामूहिक विवाह फरवरी में होगी। इसकी तिथि जल्द निर्धारित की जाएगी।
बालोद जिले में फरवरी के मध्य या अंतिम दिनों में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह का कराने पर विचार चल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक इस साल लगभग 250 जोड़े की शादी करने का लक्ष्य है।
बालोद•Jan 31, 2024 / 11:05 pm•
Chandra Kishor Deshmukh
250 जोड़ों का विवाह कराएगी सरकार, 168 जोड़े मिल चुके
बालोद. जिले में फरवरी के मध्य या अंतिम दिनों में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह का कराने पर विचार चल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक इस साल लगभग 250 जोड़े की शादी करने का लक्ष्य है। आदर्श विवाह के प्रति लोगों को जागरूक करने शासन ने प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया है।
लक्ष्य पूरा करने में जुटी विभाग की टीम
लक्ष्य को पूरा करने महिला बाल विकास की टीम दूल्हा-दुल्हन ढूंढऩे में लगी है। शादी भी फरवरी में होगी, लेकिन 250 दूल्हा-दुल्हन नहीं ढूंढ पाए हैं। अभी तक लगभग 168 जोड़े ही मिले है। इनमें से भी कुछ लोगों ने अभी पूरी तरह से सहमति नहीं दी है।
अब 21 हजार रुपए नगद दिए जा रहे
महिला बाल विकास विभाग के मुताबिक पहले मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत एक जोड़े की शादी के लिए कुल 25 हजार रुपए मिलते थे। अब शासन ने बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया है। 50 हजार रुपए में पंडाल, पंडित, सामग्री, श्रृंगार, भोजन आदि शामिल है। 21 हजार रुपए वधु को नगद दिए जा रहे हैं। वहीं 15 हजार का उपहार दिया जा रहा है।
अब इस तरह मिलेगी राशि
प्रति कन्या 8 हजार रुपए की सीमा तक पंडाल, भवन किराया, प्रति जोड़ा 20 अतिथियों के लिए भोजन, नाश्ता, आदि शामिल है। इसके अलावा छह हजार रुपए मंगल सूत्र, वर-वधू के कपड़े, श्रृंगार सामग्री, जूते चप्पल, चुनरी, साफा के लिए हैं।
गांव-गांव में तलाश कर रहे जोड़े
जिले में अब सरकारी शादी में लोग ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। गांव-गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सेक्टर सुपरवाइजरों के माध्यम से दूल्हा-दुल्हन की तलाश की जा रही है। सरकारी शादी के लिए दूल्हा व दुल्हन ढूंढने में उनके पसीने छूट रहे हैं।
उद्देश्य-गरीब, बेसहारा व जरूरतमंदों को मिले सहयोग
शासन ने 2005 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की है। योजना का उद्देश्य सिर्फ यही है कि गरीब, बेहसारा व जरूरतमंदों को बेटियों की शादी कराने में परेशानी न हो।
शादी में भी लगता है कमीशन के खेल का आरोप
सरकारी शादी के लिए लाखों रुपए शासन से आते हैं, लेकिन हर साल खराब क्वालिटी के बर्तन, सामान वितरण की शिकायतें मिलती हैं। हालांकि महिला बाल विकास विभाग ने दावा किया है कि इस शादी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जा रही है। सभी कार्य शासन के नियम के तहत किए जा रहे हैं।
सामूहिक विवाह फरवरी में
महिला एवं बाल विकास अधिकारी विपिन जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह के तहत जिले में 250 जोड़े शादी करने का लक्ष्य मिला है। सामूहिक विवाह फरवरी में होगी। इसकी तिथि जल्द निर्धारित की जाएगी।
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