घर लौटने पर युवती द्वारा लिखा पत्र मिला। पत्र में माता पिता को परेशान न होने और गांव घर छोड़कर स्वतंत्र रूप से जीने की का जिक्र किया है। गांव के लोग और हमारे कुछ रिश्तेदार जीने नहीं देंगे। हम तो 31 मई को घर से छोड़ कर जाना चाहते थे, लेकिन आप लोगों का प्यार जाने नहीं दिया। अगर हमसे किसी को कोई तकलीफ हुई होगी तो माफ कर देना।
मुझे नहीं पता कि मैं कहां जाऊंगी और क्या करूंगी लेकिन मैं कमजोर नहीं हूं, जहां भी जाउंगी आपके आशीर्वाद से खुश रहुंगी। शायद हम भगवान के पास जा रहे है। हम गंगा जैसे पवित्र हैं किसी से भी रिश्ता नहीं हैं हमारा। पिता ने युवती का पता बताने वालों को उचित इनाम की घोषणा की है।