अधिक खरीदी की शिकायत आई थी
कांदुल केंद्र में खरीदी के दौरान किसानों से अधिक मात्रा में धान खरीदा जा रहा था। किसी से आधा किलो तो किसी से 900 ग्राम तक अधिक धान लिया जा रहा था। जिसे अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया था। इसके बाद प्रशासन की टीम ने जांच की थी।
वजन में कमी के बाद भी बचा धान
इस साल 52 लाख 67 हजार 560 क्विंटल धान की खरीदी कांदुल केंद्र में की गई। इसके बाद 156 क्विंटल धान की कमी आई। वहीं अभी भी केंद्र में 982 कट्टा धान बाकी है। जो तकरीबन 392 क्विंटल 80 किलो धान है। इसमें से 156 क्विंटल धान की कमी को पूरा कर देते तो भी 236 क्विंटल 80 किलो धान शेष बचता। एमएसपी रेट में भी बेचते हैं तो भी 5 लाख 16 हजार 934 रुपए का धान है।
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अधिकारी लीपापोती कर रहे
पता चला कि सभी उच्च अधिकारी यहां निरीक्षण कर चुके हैं। उनसे फोन से संपर्क किया गया तो अधिकारी ने कहा कि वजन में कमी आई है, उसका होगा। जांच की जाएगी।
सवाल इतना अधिक धान आया कहां से
वजन की कमी को पूरा करने के बावजूद 236 क्विंटल 80 किलो धान शेष बच रहा है, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतना धान कहां से आया है। स्पष्ट होता है कि किसानों के साथ अन्याय हुआ है, उनसे अधिक धान खरीदा गया है और सभी लीपापोती में जुटे हैं।
समिति प्रबंधक गुमराह करते रहे
कांदुल समिति प्रबंधक सुदामा शिवना सोसाइटी में नहीं मिले। उनसे फोन से संपर्क किया गया तो कभी बैंक और कभी भिलाई में होने की बात कही। अपनी सोसाइटी के एक कर्मचारी से जानकारी दिलवाई, उसमें भी अतिरिक्त धान की मात्रा दिख रही है।
मामले की जांच की जाएगी
जिला नोडल अधिकारी सौरभ भारद्वाज ने बताया कि कांदुल खरीदी केंद्र में अतिरिक्त धान शॉर्टेज का होगा। इस मामले की जांच की जाएगी।