scriptमां से बोला आ रहा हूं, मगर रास्ते में आ गई मौत | I am coming to tell my mother, but death came on the way | Patrika News
बालोद

मां से बोला आ रहा हूं, मगर रास्ते में आ गई मौत

ग्राम तरौद के पुलिस जवान 26 वर्षीय सुमनदेव निषाद की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वे अपनी मां और परिवार से मिलने छुट्टी लेकर घर आ रहे थे। राजनांदगांव से निकलने से पहले उन्होंने मां से बात की और कहा-मां मैं आ रहा हूं। अब मां को विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा हमेशा के लिए उनसे दूर हो गया।

बालोदJul 04, 2022 / 11:33 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बिछड़ गया बेटा: राजनांदगांव-डौंडीलोहारा मार्ग पर भरदाकला के पास दुर्घटना में हुए घायल

सुमन देव को दी गई अंतिम विदाई

बालोद. ग्राम तरौद के पुलिस जवान 26 वर्षीय सुमनदेव निषाद की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वे अपनी मां और परिवार से मिलने छुट्टी लेकर घर आ रहे थे। राजनांदगांव से निकलने से पहले उन्होंने मां से बात की और कहा-मां मैं आ रहा हूं। अब मां को विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा हमेशा के लिए उनसे दूर हो गया। घर पहुंचने से पहले राजनांदगांव-डौंडीलोहारा मार्ग पर भरदाकला के पास सड़क दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए राजनांदगांव जिला अस्पताल ले गए, जहां से रायपुर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पंहुचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनकी मां के साथ पूरा बिलख पड़ा। सम्मान के साथ गृह ग्राम के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

भारत माता के जयकारे व सुमन देव अमर रहे के लगे नारे
गांव में सुमनदेव के पार्थिव शरीर पहुंचा तो युवाओं ने देश के जवान को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। बाजे- गाजे के साथ उन्हें घर ले जाया गया। मां, पिता, भाई सहित उनके परिजनों, दोस्त सहित जनप्रतिनिधियों ने भी अंतिम दर्शन किए।

एक साल पहले पुलिस में लगी थी नौकरी
परिजनों के मुताबिक सुमन देव की बीते साल जिला पुलिस में नौकरी लगी थी। उनकी पोस्टिंग राजनांदगांव में थी। रविवार की शाम को राजनादगांव से घर जाने निकले थे। रात्रि आठ बजे भरदाकला के पास एक वाहन ने उनकी मोटर साइकिल को टक्कर मार दी। रायपुर अस्पताल में रात तीन बजे उनकी मौत हो गई। वे भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो भाई हैं।

पासिंग आउट परेड में खुशी से रो पड़े थे माता-पिता
सुमनदेव निषाद ट्रेनिंग के बाद 10 जून को अंतिम पासिंग आउट कौशल परेड में शामिल हुए। कार्यक्रम में उनके माता-पिता भी शामिल हुए थे। परेड खत्म होने के बाद जब पुलिस बल में नौकरी पक्की होने की जानकारी कार्यक्रम में ही माता पिता को हुई, तो वे बहुत खुश हुए। बेटे सुमनदेव को गले लगाकर रोते नजर आए। लाइन में अटैच हुए माहभर भी नहीं हुआ था।

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