पूरा तालाब चट्टान से भरा
ग्रामीण मन्नू लाल साहू, दिलीप कुमार, लक्ष्मी नारायण, सुरेश कुमार, नीलमणि साहू, नंदूराम, मनीराम, पूरन कौशिक, तिहारू राम साहू, रामेश्वर साहू, रामकुमार साहू, भंगीराम साहू, शेख जब्बार ने बताया कि सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, इंजीनियर और मनरेगा मजदूर के बीच तालमेल नहीं बैठने के कारण सुबह से ही काम बंद कर ग्रामीण व प्रशासन के बीच समझाइश हो रही थी। अमृत सरोवर योजना अंतर्गत जब निरीक्षण में अधिकारी, सरपंच और ग्रामीण पहुंचे तो वास्तविक स्थिति पता चली। पूरे तालाब में चट्टान भरा है। मजदूरों का कहना है कि उतनी गहराई नहीं हो सकती, जितनी शासन चाह रहा है।
कार्य स्थल पर नहीं लगाया गया बोर्ड
मजदूरों ने बताया कि कार्य स्थल में किसी प्रकार का सूचना बोर्ड नहीं लगा है। साथ ही छांव की व्यवस्था नहीं की गई है। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक मजदूरों को केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना को गुमराह में रखकर कार्य करवा रहे है। सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने मजदूरों के समक्ष अपनी गलती स्वीकार की है।
कांदुल खरीदी केंद्र में पूरा उठाव के बाद भी 982 कट्टा धान बचा और शॉर्टेज भी आया
यह है ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों ने मनरेगा कार्य में सरपंच, सचिव पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्थल में कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है। साथ ही 42 डिग्री तापमान में मजदूरों के बैठने के लिए पंडाल की भी व्यवस्था नहीं है। कुछ दिन पूर्व रोजगार गारंटी में कार्य कर रहे मजदूर कृष्ण कुमार साहू अचानक बेहोश हो गए थे। उन्हें ग्रामीणों ने गाड़ी व्यवस्था कर अस्पताल पहुंचाया। इसके बावजूज सरपंच सचिव पंडाल लगाने की बात पर गुमराह कर रहे है।
मनरेगा स्थल पर छांव की कोई व्यवस्था नहीं
रोजगार सहायक उमेश कुमार चंद्राकर के अनुसार 50 मजदूर के पीछे एक मेट होना था, लेकिन 100 मजदूर के पीछे 5 मेट लगाने का कारण है कि उनका पेमेंट मजदूरी दर पर होगा। टेंट शमियाना का व्यवस्था नहीं होने के कारण मनरेगा स्थल पर छांव का व्यवस्था नहीं की गई है। कार्य प्रारंभ होने से पहले सूचना बोर्ड लगाना चाहिए। अभी तक सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया, जो जांच का विषय है।
महाशिवरात्रि मेले में कोयंबटूर गया युवक लापता, नहीं मिल कोई सुराग
इनका कहना है
ग्राम सरपंच ज्योति साहू ने कहा कि शासन का जैसा निर्देश है, उसी के तहत खुदाई करें, फिर हम लोग भी सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं।
पंचायत सचिव छत्रपाल चंद्राकर ने कहा तालाब में थोड़ा चट्टान आने के कारण मजदूर कम करने में समस्या हुई थी। हमने मनरेगा मजदूर के साथ मिलकर समझाइश दी है।
तकनीकी सहायक कामिनी चंद्राकर ने बताया कि मनरेगा मजदूर अपने कार्य में गोदी सुधार कर खुदाई करें तो कोई तकलीफ नहीं है, नहीं तो जांच होगी।