बीते साल बिजली से ट्रेन चलाने की मिली थी अनुमति
बीते साल कोलकाता के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी टीम, बिलासपुर बोर्ड, रायपुर रेल मंडल से अनुमति मिलने के बाद बालोद रैक पाइंट तक डीजल के बजाय बिजली से मालगाड़ी चलाने अनुमति दी थी। हालांकि अब भी अधिकांश मालगाड़ी व यात्री ट्रेन डीजल से ही चल रही है। दल्लीराजहरा में लोडिंग के लिए ट्रांसफॉर्मर लगेगा। इसके बाद ही अनुमति दी जाएगी। रेलवे ने वर्तमान में जिला मुख्यालय में ही विद्युत सिस्टम के लिए वर्कशॉप यूनिट सेंटर डाला है। यहीं से बिजली कंट्रोल होंगी।
![पहले चरण का विद्युतीकरण पूरा](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2023/12/29/train_1_8658390-m.jpg)
विद्युतीकरण का काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। प्रथम चरण में मरोदा से दल्लीराजहरा तक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। कभी-कभी बिजली से ट्रेन चल रही है। दूसरे चरण में दल्लीराजहरा, भानुप्रतापपुर, केवटी, अंतागढ़, तोड़की तक विद्युतीकरण की प्रक्रिया कर सकती है।
बीते साल कोलकाता की टीम आई थी तो पहले बिजली से ट्रेन चलाने का ट्रायल किया था। सफलता के बाद ही रेलवे ने मालगाड़ी चलाने की अनुमति दी। अब रेलवे की योजना है कि जल्द सभी ट्रेन बिजली से चले।
बिजली से ट्रेन चलेगी तो ईंधन और समय की बचत भी होगी, क्योंकि ट्रेन तेज गति से चलेगी। वहीं ईंधन से पर्यावरण सुरक्षित रहेगा व प्रदूषण भी नहीं होगा।