उल्लेखनीय है कि समाज द्वारा विवाह योग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण समाज से बहिष्कृत इन बेटियों को उनके पिता के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जा रहा था। इतना ही नहीं, समाजजनों ने उक्त बेटियों को दंड स्वरूप 1.50 लाख रुपए जमा करने के बाद समाज से बहिष्कार खत्म करने तथा पिता के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल करने का फरमान सुनाया था। इसके बाद पीडि़त बेटियोंं ने पुलिस प्रशासन से 22 सितंबर को दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समुचित सुरक्षा व्यवस्था देने तथा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी।
विदित हो कि ग्राम भटगांव निवासी कीरित राम कर्ष का 12 सितंबर को निधन हो गया था। मृतक की तीन बेटियों नारायणमती कर्ष पति लखनलाल कर्ष निवासी ग्राम रोहिना थाना भटगांव, लच्छनबाई पति घासीराम कर्ष निवासी थाना भटगांव, चन्द्रभागा पति गणेशराम कर्ष निवासी ग्राम सुकली थाना गिधौरी को पिता के अंतिम संस्कार के दिन 13 तारीख को समाजजनों ने समाज से बहिष्कृत किए जाने की बात कहते हुए अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया तथा उनके भाई नम्मू कर्ष को दशगात्र में अपनी बहनों को बुलाए जाने पर उसे भी समाज से बहिष्कृत किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया था।
इसकी शिकायत तीनों बहनों ने पुलिस प्रशासन से की थी। जिस पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन आरके विज ने जिला पुलिस अधीक्षक नीतू कमल को समुचित कार्रवाई कर मृतक की बेटियों को दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समुचित व्यवस्था और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। पुलिस विभाग द्वारा इस दौरान मामले की संवेदनशीलता देखते हुए रविवार को गांव में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।