एशियाई विकास बैंक (एडीबी) इस लाइन के लिए फंडिंग कर रहा है और उसने इस काम के लिए सहमति दे दी है। पहला पैकेज करीब ६४० करोड़ का है। दूसरा करीब ६४५ करोड़ और तीसरा पैकेज करीब ६२१ करोड़ रुपए का होगा। यह लाइन संभवत: ब्लूलाइन के नाम से चलाई जाएगी।
पहले पैकेज के तहत इस मार्ग पर आठ स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें कस्तूरी नगर, होरामावू, एचआरबीआर लेआउट, कल्याण नगर, एचबीआर लेआउट, नागवारा, वीरण्णापाल्या और कैंपापुरा शामिल हैं। दूसरे पैकेज में हेब्बाल, कोडिगेहल्ली, जक्कूर क्रॉस, यलहंका और बागलूर क्रॉस हैं। तीसरे पैकेज में बेट्टाहलसूरु और डोड्डाजाला के बीच भूमिगत मार्ग बनाया जाएगा। यह हिस्सा यलहंका एयरबेस के पास से गुजरता है इसलिए वायुसेना को व्यवधान से बचाने के लिए इसे भूमिगत कर दिया गया है।
बेंगलूरु हवाइ अडडा लिमि. अपने परिसर में दो अलग अलग स्टेशन बनाएगा, इनमें से एक एयरपोर्ट सिटी स्टेशन और दूसरा केआइए टर्मिनल होगा। इस काम के लिए अलग से टेंडर बुलाया जाएगा, यह वर्तमान टेंडर में शामिल नहीं है। ये दोनों स्टेशन भूमिगत होंगे या भूतल पर ही बनाए जाएंगे क्योंकि एयरपोर्ट के पास कोई भी ऊंची इमारत नहीं बनाई जा सकती। एक मेट्रो स्टेशन की इमारत कम से कम ६-७ मंजिला भवन के बराबर ऊंची हो जाती है।
बेंगलूरु से केआइए जाने के लिए अभी यात्री और एयरपोर्ट कर्मचारी मुख्य रूप से बस, टैक्सी और निजी वाहनों पर निर्भर हैं। मेट्रो लिंक बनने से हजारों लोगों की समस्या कम होगी और वे कम समय में बिना परेशानी के आागमन कर सकेंगे।