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बैंगलोर

बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है शिक्षकों की मौत

कोरोना महामारी के बाद से सरकारी स्कूलों के २६८ शिक्षकों की मौत

बैंगलोरMay 14, 2021 / 05:35 am

Sanjay Kulkarni

बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है शिक्षकों की मौत

बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है शिक्षकों की मौत

बेंगलूरु. राज्य में कोविड से २०,३६८ लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सरकारी स्कूलों के २६८ शिक्षक भी शामिल हैं। राज्य सरकार के पास निजी स्कूलों के शिक्षकों की मौत का फिलहाल आंकड़ा नहीं है।बच्चों के कल्याण के लिए कार्यरत ज्यादातर विशेषज्ञों के अनुसार शिक्षक बच्चों की पढ़ाई व जिंदगी में अहम भूमिका निभाते हैं। कई बच्चे शिक्षकों के बेहद करीब होते हैं। महामारी के बाद स्कूलों के खुलने पर बच्चे जब लौटेंगे तब अपने पसंददीदा शिक्षकों को नहीं पाकर उदासी और तनाव आदि के लक्षण दिखा सकते हैं। स्कूलों को चाहिए कि जरूरत पडऩे पर प्रभावित बच्चों की काउंसलिंग की व्यवस्था करें।
लोक शिक्षण विभाग (डीपीआइ) के आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष मार्च से प्राथमिक स्कूल के १८३ और माध्यमिक स्कूल के ४९ शिक्षक कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए। मृतकों में सरकारी अनुदानित प्राथमिक स्कूलों के १३ जबकि माध्यमिक स्कूलों के १९ शिक्षकों की मौत हुई है। सरकारी अनुदानित स्कूलों के चार प्रधानाध्यापकों ने भी कोविड के कारण जिंदगी गंवाई है। डीपीआइ के पास फिलहाल गैर अनुदानित शिक्षकों का आंकड़ा नहीं है।
सरकारी स्कूलों के १४ गैर शैक्षणिक कर्मचारी और अनुदानित स्कूलों के तीन कर्मचारियों की भी मौत हुई है। शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के अलावा सात अधिकारियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी।
बेंगलूरु शहरी जिले में सबसे ज्यादा ८१, कलबुर्गी में ७०, बेलगावी में ५२ और मैसूरु में ४६ शिक्षकों की कोविड से मौत हुई है।
कर्नाटक सरकारी कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष टी. एम. मंजुनाथ ने बताया कि सरकारी कॉलेजों के ५० शिक्षकों वे गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की मौत हुई है। कॉलेजिएट शिक्षा विभाग के पास मौतों का आंकड़ा नहीं है।
कुछ विशेषज्ञों के अनुसार कोविड से मृत शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो सकती है। विशेषकर उत्तर कर्नाटक में मरीज बढऩे का कारण हाल ही में समाप्त उपचुनाव है। उदाहरण के लिए विजयपुर जिले ने दूसरी लहर के दौरान ५६ शिक्षकों को खो दिया। रायचूर जिले में अप्रेल के बाद से करीब १५ प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों की मौत हुई। बीदर जिले में भी करीब ५० शिक्षकों की मौत का अनुमान है।

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