कुमारस्वामी ने शुक्रवार को यहां श्रंखलाबद्ध ट्वीटर संदेश जारी करके कहा कि पड़ोसी राज्य केरल कोरोना की मार से पीडि़त है और वहां पर कुल 25 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। आर्थिक मंदी के कारण मध्यम वर्ग के लोग संकट में घिर गए हैं। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केरल के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज जारी किया है। वे राज्य सरकार से इसी तर्ज पर प्रदेश की जनता के लिए पैकेज घोषित करने की मांग करते हैं।
कोरोना वायरस के कारण पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को चेतना प्रदान करने स्वास्थ्य सेवाओं, दैनिक जरुरतों की वस्तुओं के नि:सुल्क वितरण, कम दर पर भोजन व राहत राशि दी जा रही ह। केरल का यह कदम हमारे लिए रोल माडल क्यों नहीं बन सकता। केरल में कोरोना संक्रमितों की संख्या कर्नाटक से 9 अधिक है। इस बारे में उन्होंने कहा कि केरल में 26 प्रकरण तो कर्नाटक में 15 मामले सामने आए हैं। इस तरहराज्य में इस महामारी का आतंक केरल से भिन्न नहीं है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुंचेगी।
फिलहाल गरीब वर्ग के लोगों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है। राज्य सरकार को भी केरल की तर्ज पर निर्णय करना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अधिक धन देने के साथ ही बैंकों से लिए कर्ज की किस्तों को स्थगति करना, ब्याज माफी, मासिक मानदेय, अनुदान, तथा राहत की घोषणा जैसे कदम हमें भी उठाने चाहिए। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वर्गों की सहायता करने के माध्यम से अर्थव्यवस्था को चेतना प्रदान की जानी चाहिए।
इसके अलावा कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष को और तेज किए जाने की भी जरुरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के कारण दैनिक वेतन भोगी मजदूरों, गली कूचों में व्यापार करने वाले लोग के हित बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में सरकार को कम से दो माह उनकी मदद करने के कार्यक्रम बनाकर लागू करने चाहिए। इसी तरह आटो चालकों व कैब चालकों को ऋण की किस्तों के भुगतान में दो माह की छूट दी जानी चाहिए। इस तरह सरकार को गरीबों के पक्ष में निर्णय करने चाहिए।