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बारां

चूहे कुतर रहे राहत की केबल, सैकड़ों आशार्थी परेशान

ऑनलाइन के जरिए आमजन को घर बैठे सुविधाएं देने का वादा अब सरकारी विभाग पूरे नहीं कर पा रहे हैं। हालात यह है कि चूहों द्वारा बार-बार केबल कुतरने से जिला उद्योग केन्द्र में इंटरनेट लम्बे समय से बंद है तो परिवहन विभाग में छह दिनों से इंटरनेट बंद होने से सैकड़ों की संख्या में फाइलें अटकी हैं। ऐसे में वाहन स्वामियों व चालकों को परिवहन विभाग के बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

बारांFeb 19, 2019 / 11:30 am

Dilip

ada

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बारां. ऑनलाइन के जरिए आमजन को घर बैठे सुविधाएं देने का वादा अब सरकारी विभाग पूरे नहीं कर पा रहे हैं। हालात यह है कि चूहों द्वारा बार-बार केबल कुतरने से जिला उद्योग केन्द्र में इंटरनेट लम्बे समय से बंद है तो परिवहन विभाग में छह दिनों से इंटरनेट बंद होने से सैकड़ों की संख्या में फाइलें अटकी हैं। ऐसे में वाहन स्वामियों व चालकों को परिवहन विभाग के बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
आमजन को राहत देने व पारदर्शिता देने के लिए सरकार ने जिले के लगभग सभी विभागों के कार्यों को ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन अब यह इंटरनेट सुविधा आमजन के लिए दुविधा बन गई। परिवहन विभाग में 13 फरवरी से इंटरनेट बंद चूहे कुतर रहे राहत की केबल, सैकड़ों आशार्थी परेशानबारां. ऑनलाइन के जरिए आमजन को घर बैठे सुविधाएं देने का वादा अब सरकारी विभाग पूरे नहीं कर पा रहे हैं। हालात यह है कि चूहों द्वारा बार-बार केबल कुतरने से जिला उद्योग केन्द्र में इंटरनेट लम्बे समय से बंद है तो परिवहन विभाग में छह दिनों से इंटरनेट बंद होने से सैकड़ों की संख्या में फाइलें अटकी हैं। ऐसे में वाहन स्वामियों व चालकों को परिवहन विभाग के बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आमजन को राहत देने व पारदर्शिता देने के लिए सरकार ने जिले के लगभग सभी विभागों के कार्यों को ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन अब यह इंटरनेट सुविधा आमजन के लिए दुविधा बन गई। परिवहन विभाग में 13 फरवरी से इंटरनेट बंद पड़ा हुआ है। कर्मचारियों को मोबाइल को कम्प्यूटर से कनेक्ट कर कार्य निपटाने पड़ रहे हैं।
कुछ ही दिन चला
चूहों द्वारा इंटरनेट की केबल कुतरने से जिला उद्योग केन्द्र में इंटरनेट की सेवाएं लगातार नहीं मिल रही है। हालात यह है कि पहले मशीन में खराबी आने से 11 से 16 जनवरी तक इंटरनेट बंद रहा। जैसे तैसे सही कराया तो 27 जनवरी की रात को चूहों ने केबल को कुतर दिया। इसके बाद ६ फरवरी को इंटरनेट सही हुआ। कुछ दिन कार्य करने के बाद 9 फरवरी को फिर चूहों ने केबल को कुतर दिया, जो अब तक बंद है। केन्द्र कर्मचारी धर्मेन्द्र गोयल का कहना है कि इंटरनेट सही करने के लिए जयपुर से कंपनी के कर्मचारी आते हैं। उन्हें सूचना भेज दी है।
हो रही लाभ में देरी
जिला उद्योग केन्द्र में उद्योग लगाने के लिए ऋण देने वाली योजना भामाशाह रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सजृन कार्यक्रम, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, पार्टनरशिप पंजीयन के आवेदन अटके पड़े हैं। आवेदन कितने अटके पड़े हैं, यह भी इंटरनेट शुरू होने पर ही पता चलेगा।
यहां यह काम अटके
नए रजिस्टर, आरसी का नवीनीकरण, लोन चढ़वाना व कटवाना, परमिट फिटनेस सहित छोटे-मोटे कामों की सवा सौ से ज्यादा फाइलें अटकी हुई हंै। उधर कार्य पूरा नहीं से कर्मचारियों को वाहन संबंधी कार्य के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी काम पूरे नहीं हो रहे हैं।
देरी से पहुंचते हैं घर
कर्मचारियों का कहना है कि 30 परमानेंट, 30 डुप्लीकेट व 30 लर्निंग लाइसेंस के आवेदन आते हैं। लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन सारथी सॉफ्टवेयर पर किया जाता है। आवेदन करने के बाद एक तारीख मिल जती है। उस तारीख को ही चालक को विभाग में जाकर लाइसेंस संबंधी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। ऐसे में कर्मचारियों को लाइसेंस बनाने के लिए मोबाइल को कम्प्यूटर से कनेक्ट करके कार्य करना पड़ता है। विभाग में हर समय वाहन चालकों कीे लम्बी-लम्बी लाइनें लगी रहती है। कर्मचारियों को दोपहर को खाना खाने का समय भी नहीं मिलता है। दूसरी तरफ घर पहुंचते पहुंचते रात 9 बज जाती है।
& सब रजिस्टार से डीटीओ कार्यालय के बीच लाइनों में गड़बड़ी है। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों को सूचना भेज दी है। उद्योग केन्द्र में चूहे बार-बार केबल कुतर देते हैं।
महेन्द्र पाल, डिप्टी डायरेक्टर, सूचना प्रोद्योगिकी विभाग, बारां

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