
Depiction of different forms of dance mode
बाड़मेर.स्पिक मैके बाड़मेर स्कंध की ओर से गुरुवार को विश्व नृत्य श्रृंखला के अंतर्गत असम के मठों और मंदिरों में पली पनपी नृत्य विधा सत्रीय के रंग पेश करते हुए अन्वेषा महंत ने पहली प्रस्तुति में केन्द्रीय विद्यालय उत्तरलाई और दूसरी प्रस्तुति में द मॉडर्न स्कूल में लोगों का मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्वेषा के चेहरे की मोहक और सम्मोहक मुद्राओं में समायी विष्णु के अवतारों की लीलाएं जीवंत हो उठीं।
केन्द्रीय विद्यालय में अन्वेषा ने प्रस्तावना से शुरू करते हुए भगवान विष्णु की वन्दना की। उनके मन, शरीर और जगत से ऊपर उठाने वाले रूप की व्यंजना की। मथुरा विजय के अंतर्गत भगवान कृष्ण की बृज से मथुरा तक की यात्रा और कंस वध को अन्वेषा ने अपने नृत्य अभिनय से बखूबी प्रदर्शित किया।
द मॉडर्न स्कूल में पारंपरिक रामदानी और गीतनाच से आगाज़ करते हुए विष्णु की महिमा को प्रस्तुत किया। हरि हर लीला के अंतर्गत भगवान विष्णु और शिव के बीच के संवाद की छटा भी निराली बन पड़ी। जहां शिव भगवान विष्णु से अपने मोहिनी रूप दिखाने का आग्रह करते हैं और जब विष्णु ने अपना मोहिनी रूप दिखाया तो शिव ही सबसे पहले मोहित हो गए। पूतना वध प्रस्तुति के अंतर्गत जहां कृष्ण का नटखट रूप दिखा वहीं पूतना का राक्षसी, तामसिक, रौद्र रूप भी नजर आया।
बच्चों ने सीखी कला
प्रस्तुतियों में छात्राओं के साथ कार्यशाला आकर्षक बन पड़ी। बच्चों ने पूरे मनोयोग से सत्रीय की प्रतीक भाषा सीखी। केन्द्रीय विद्यालय प्राचार्य डॉ गौरव त्रिवेदी और द मॉडर्न स्कूल प्राचार्य नवनीत पचौरी ने कलाकारों का स्वागत कर स्मृति चिह्न भेंट किए। धन्यवाद उप प्राचार्य नीरज जोनवाल और समन्वयक मंजू जैन ने जताया। संचालन अन्वेषा और दीपक ने किया। इस मौके पर इंद्र प्रकाश पुरोहित, स्पिक मैके समन्वयक मुकेश पचौरी, दीपक कड़वासरा, डॉ.अपूर्वा सांगवान आदि उपस्थित रहे। गुरुवार को विश्व नृत्य श्रृंखला के अंतर्गत असम के मठों और मंदिरों में पली पनपी नृत्य विधा सत्रीय के रंग पेश करते हुए अन्वेषा महंत ने पहली प्रस्तुति में केन्द्रीय विद्यालय उत्तरलाई और दूसरी प्रस्तुति में द मॉडर्न स्कूल में लोगों का मंत्रमुग्ध कर दिया।
Published on:
27 Apr 2018 09:26 am
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