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राजस्थान के इस नए जिले की बिजली आपूर्ति भगवान भरोसे…

बालोतरा। शहर की बिजली व्यवस्था एक गंभीर संकट की ओर बढ़ रही है, लेकिन विद्युत विभाग अब भी तूफान के पहले की शांति में मस्त नजर आ रहा है। बालोतरा शहर को 220 केवी जीएसएस से जोड़ने वाली 33 केवी मुख्य लाइन बीते करीब 35 वर्षों से जर्जर स्थिति में है। जानकारी के अनुसार पिछले […]

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फाइल फोटो

बालोतरा। शहर की बिजली व्यवस्था एक गंभीर संकट की ओर बढ़ रही है, लेकिन विद्युत विभाग अब भी तूफान के पहले की शांति में मस्त नजर आ रहा है। बालोतरा शहर को 220 केवी जीएसएस से जोड़ने वाली 33 केवी मुख्य लाइन बीते करीब 35 वर्षों से जर्जर स्थिति में है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष ग्रीष्मकाल में इस लाइन पर केबल की क्षमता से लगभग 20 एम्पीयर अधिक लोड चला, जो कि किसी भी समय भारी क्षति पहुंचा सकता था। गनीमत रही कि उस समय यह केबल ठहर गई, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी विभाग ने इसके समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

हर वर्ष बढ़ रहा लोड, खतरा बना स्थायी

विद्युत विभाग के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष बालोतरा का बिजली लोड लगातार बढ़ रहा है। जब पिछले वर्ष ही क्षमता से अधिक लोड दर्ज किया गया, तो इस वर्ष खतरा और भी बढ़ा है। वहीं 33 केवी लाइन के क्षतिग्रस्त होने पर विभाग के पास ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है जो शहर की विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाए रख सके।

वैकल्पिक लाइन भी जवाब दे चुकी

220 केवी जीएसएस से आने वाली इस मुख्य लाइन के अलावा समदड़ी रोड से एक वैकल्पिक केबल पूर्व में स्थापित की गई थी, लेकिन विभाग ने इसे पहले ही कंडम घोषित कर रखा है। वर्तमान में इसके स्थान पर एक अन्य केबल काम में ली जा रही है, जो पहले से ही आवश्यकता से अधिक लोड वहन कर रही है। ऐसे में आपातकालीन स्थिति में इस वैकल्पिक केबल से मदद की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।

अंधेरे में डूबने की आशंका

विभागीय लापरवाही की वजह से बालोतरा शहर कभी भी अंधेरे में डूब सकता है। यदि मुख्य लाइन फेल होती है तो न कोई बैकअप है, न ही आपूर्ति जारी रखने की समुचित योजना। ऐसे में जरूरत है कि विभाग इस दिशा में तत्काल कार्यवाही करें और वर्षों से लंबित समाधान को शीघ्र अमल में लाया जाए, अन्यथा शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे रह जाएगी।