दुर्घटनास्थल पर पहुंचने में राजपुरोहित को महज 7-8 मिनट लगे। तुरंत ही मलबे में फंसे लोगों को खींचकर बाहर निकालना शुरू किया। बाहर से मदद मिलने से पहले तक वह लगभग पैंतीस मजदूरों को ऊपर का मलबा हटाकर सुरक्षित निकाल चुका था। बहादुरी के कार्य के लिए जोधपुर जिला प्रशासन ने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान सम्मानित किया। इसके अलावा राजपुरोहित को रेड एंड व्हाइट वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया। इनके सहपाठी रह चुके गौरवराजसिंह जुडिया के मुताबिक कमल शुरूआत से सेवाभावी था।
रड़वा गांव में शोक की लहर : रड़वा गांव निवासी कमलसिंह के पिता खुमानसिंह पूर्व सैनिक है। कमलङ्क्षसह के निधन से गांव में शोक छा गया। जिलेभर में राजपुरोहित समाज सहित परिजनों में बहादुर युवक के खोने का शोक है।