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‘सूरज’ लाया सौगात, किसानों को बिजली बिल से ‘राहत’

- पीएम कुसुम कम्पोनेट बी योजना का मिल रहा लाभ, बिजली की जगह सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर जोर

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‘सूरज’ लाया सौगात, किसानों को बिजली बिल से ‘राहत’

‘सूरज’ लाया सौगात, किसानों को बिजली बिल से ‘राहत’

दिलीप दवे बाड़मेर. थार की धरा पर चमकने वाला सूरज किसानों के लिए सौगात लेकर आया है। खेती में सौर ऊर्जा के प्रयोग ने जिले के एक हजार से ज्यादा किसानों की बिजली बिल की चिंता मिटा दी है। सौर ऊर्जा के कारण कल-कल चलते फव्वारे न केवल किसानों के खेतों को लहलहा रहे हैं वरन सरकार को महंगी बिजली खरीदने में कुछ राहत दे रहे हैं।

अब दस होर्स पावर तक के सौर ऊर्जा संयंत्र पर अनुदान मिलने से किसानों की रुचि और बढ़ी है।

जिले के धरतीपुत्रों का सिंचाई के प्रति रुझान पिछले कुछ सालों से बढ़ा है। दिनोंदिन खोदे जा रहे पाताल तोड़ कुओं की तादाद बढऩे के साथ कृषि कनेक्शन को लेकर फाइलें जमा होने लगी लेकिन बिजली की कमी के चलते डेढ-दो साल तक किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। एेसे में किसान विकल्प की तलाश में थे जिसकी पूर्ति सौर ऊर्जा संयंत्र ने पूरी कर दी। जिले में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की शुरुआत २०13 में सौर ऊर्जा संयंत्र के नाम से शुरू हुई तो किसानों की रुचि कम थी, क्योंकि तब दो व पांच होर्स पावर के संयंत्र पर ही सब्सिडी मिल रही थी, लेकिन २०18 में साढ़े सात व दस होर्स पावर के संयंत्र पर भी सब्सिडी मिलने लगी। एेसे में तीन सौ फीट की गहराई तक के कृषि कुओं पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगने लगे हैं।

जिसके बाद सौर ऊर्जा संयंत्र को लेकर किसानों की रुचि बढ़ी है। अब तक जिले में एक हजार से ज्यादा कृषि कुएं सौर ऊर्जा संयंत्र से चल रहे हैं। गौरतलब है कि २०१८ पीएम कुसुम कम्पोनेट बी के नाम से योजना का संचालन चल रहा है जिसमें दस होर्स पावर तक सब्सिडी मिल रही है जिस पर किसानों की सौर ऊर्जा कनेक्शन को लेकर रुचि बढ़ी है। वर्तमान में करीब ७० फीसदी सब्सिडी मिल रही है।

नहींं लगता बिजली का झटका, किसान खुश- सौर ऊर्जा संयंत्र एक बार लगाने के बाद हर माह बिजली का बिल भरने की चिंता किसानों की मिट जाती है। एेसे में किसान भी खुश है कि एक बार कनेक्शन होने पर बिजली कटौती की चिंता तो खत्म होती ही है,बिल भरने का झंझट भी खत्म हो जाता है।

बिना सब्सिडी भी सैकड़ों कनेक्शन- सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में एक तरफ जहां किसान सब्सिडी को लेकर योजना के तहत फाइलें जमा करवा रहे हैं तो सैकड़ों किसानों ने हाथोंहाथ कनेक्शन की सुविधा पर बिना सब्सिडी के भी संयंत्र लगा रखे हैं। एेसे में जिले में करीब दो हजार सौर ऊर्जा संयंत्र खेतों में लगे हुए हैं।

पूरे साल चमकता सूरज, मिलता फायदा- बाड़मेर जिले में पूरे साल सूरज की रोशनी रहती है।

साल में बमुश्किल पन्द्रह- बीस दिन ही सूरज नहीं दिखता। वहीं प्रदेश के पश्चिमी इलाके में होने से यहां सूर्यास्त पर देरी से होता है जिस पर दोपहर बाद भी सौर ऊर्जा संयंत्र चलते रहते हैं जिसका किसानों को फायदा मिलता है।

वरदान साबित हो रही योजना-सौर ऊर्जा की योजना जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। पहले सरकार की आेर से लक्ष्य कम होते थे लेकिन अब ज्यादा आने से ज्यादा कनेक्शन हो रहे हैं। इससे एक तरफ बिजली के बिल की समस्या खत्म हो रही है तो सरकार को भी बिजली को लेकर फायदा ही हो रहा है।-सुरेन्द्रङ्क्षसह, सहायक कृषि अधिकारी बाड़मेर


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