6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन लड्डुओं में है हड्डियां मजबूत करने की ताकत

रेगिस्तानी इलाके में पेड़ पौधों की संख्या भले ही कम है लेकिन यहां पाए जाने वाले ठूंठ जैसे पेड़ पौधों में भरपूर औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसे ही एक पेड़ के रूप में पहचान रखने वाले कुम्भट के पेड़ से निकलने वाला गोंद औषधीय गुणों की खान माना जाता है। सदीज़् के मौसम में कुंभट के गोंद से बनाए जाने वाले लड्डू हर उम्र के लोगों के लिए बेहद कारगर व शक्तिवधज़्क आहार है।

2 min read
Google source verification
इन लड्डुओं में है हड्डियां मजबूत करने की ताकत

इन लड्डुओं में है हड्डियां मजबूत करने की ताकत

इन लड्डुओं में है हड्डियां मजबूत करने की ताकत
जायका
चौहटन. रेगिस्तानी इलाके में पेड़ पौधों की संख्या भले ही कम है लेकिन यहां पाए जाने वाले ठूंठ जैसे पेड़ पौधों में भरपूर औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसे ही एक पेड़ के रूप में पहचान रखने वाले कुम्भट के पेड़ से निकलने वाला गोंद औषधीय गुणों की खान माना जाता है। सदीज़् के मौसम में कुंभट के गोंद से बनाए जाने वाले लड्डू हर उम्र के लोगों के लिए बेहद कारगर व शक्तिवधज़्क आहार है। यह गोंद प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने के कारण इसका सेवन कई बीमारियों को दूर करने, हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही केल्शियम को स्थिर बनाता है।

क्या है गोंद:- गमीज़् व सदीज़् का दबाव बढऩे पर कुंभट के पेड़ के तने व डालियां फटने लगती है जिसमें से उत्सजिज़्त होने वाला रसभरा चिकना द्रव्य कुछ दिनों में सूखने के बाद गोंद कहलाता है, यह अत्यंत पौष्टिक होता है।

सदीज़् में गोंद के लड्डू:- वैसे तो गोंद को भून कर खाने से शरीर अंदर से गमज़् रहता है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है लेकिन इसके गोंद को भूनकर बनने वाले लड्डू अत्यंत स्वादिष्ट व पौष्टिक होते हैं।

सामग्री:- कुंभट का गोंद 500 ग्राम, उड़द की दाल एक किलोग्राम, शक्कर एक किलोग्राम, पयाज़्प्त गाय का घी, सूखे मेवे, सिंघाड़े का आटा, धनिया की मींजी आदि
विधि- गोंद को महीन कूट लें, घी को आंच पर गमज़् कर उसमें गोंद को तलकर भून लें, कुछ देर तक भूनने के बाद गोंद दानेदार फूले की तरह तैयार हो जाता है। इसके बाद उड़द दाल के आटे को घी में सेककर भूनकर पका लें, साथ ही धीमी आंच पर शक्कर की दो तार चासनी बना लें, अब यह सब सामग्री चासनी में मिक्स कर गोंद डालकर लड्डुओं के आकार में बांध लें।
आयुवेज़्द मानता है यह लाभ
-रक्त की गति बढ़ाता है, स्फूतिज़् देता है, वृद्धजनों के हड्डियों को मजबूती
- कातिज़्क माह में कुंभट से निकला गोंद कातीरा कहलाता है इसे भून कर रोजाना सेवन करने से दिल के रोग और हाटज़् अटैक का खतरा कम हो जाता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद कातीरा (कुंभट) गोंद का सेवन करवाया जाता है, यह महिलाओं की रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। स्तनपान के लिए दूध को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। कब्ज में गोंद कतीरा खाने के फायदे बहुत हैं। यह सदीज़्, खांसी, जुकाम और बुखार की परेशानी तथा पेट में इंफेक्शन के खतरे को भी कम करता है। इसके सेवन से थकान, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी और तनाव को कम करता है।

12 से 15 सौ रुपये प्रति किलो
शुद्ध कुंभट का गोंद 12 से 15 सौ रुपये प्रति किलो की दरों पर बाजार में आसानी से बिक जाता है। कुंभट के पेड़ में अप्रैल व मई तथा सितम्बर अक्टूबर महीनों में वषज़् में दो बार गोंद का उत्सजज़्न होता है।

बहुतायत में है कुंभट के पेड़:- आंटिया, कापराऊ, नेतराड़, बींजासर, भोजारिया, रमजान की गफन, रतासर, बीजराड़, नवातला, बूठ राठौड़ान, गंगाला, आलमसर, खारिया राठौड़ान, सहित बाखासर के हाथला, रामपुरा, भलगांव, एकल, भाड़ा, नवापुरा अरटी आदि गांवों के क्षेत्र कुंभट के पेड़ बहुतायत में है।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग