उधर क्षेत्र में नई प्याज की बोवनी का सिलसिला जारी है। हालांकि इस दौरान प्याज के रोपे के बीज को लेकर किसान परेशान हो रहे है। इस मामले को लेकर भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष मंशाराम पंचोले ने केंद्र सरकार के अधिन बीज कंपनियों की मनमर्जी पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष लोकल कंपनियों का प्याज रोपे का बीज 400 से 500 रुपए प्रतिकिलो था, जो इस बार तीन से चार हजार रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। वहीं पंचगंगा पुनाफुसंदी पिछली बार 1500 रुपए किलो बीज मिल रहा था, जो इस बार चार हजार का भाव होने के बावजूद किल्लत बनी हुई है। वहीं ब्लेक में पांच हजार रुपए तक बिक रही है। इसी तरह प्रशांत कंपनी का रोपा गत वर्ष 1300 रुपए प्रतिकिलो था, जो इस बार सात हजार रुपए तक है, लेकिन जिले में यह उपलब्ध नहीं है।
फंगस बिगाड़ रहा हाल
पंचाले ने बताया कि इस बार प्याज फसल में फंगस लगने से खेत के खेत बर्बाद हो रहे है। फंगस लगने से प्याज के पौधे जलेबी आकार के बन रहे है। वही शेष बची प्याज जो नींबू आकार की हुई हैं, उसमें सडऩ लगने लगी है। करीब 60 प्रतिशत प्याज की नुकसानी है। कई किसान रोटावेटर-कल्टीवेटर चलाकर प्याज के रोपे निकालकर अन्य फसलें लगाने को मजबूर है। किसान संघ अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के दावों के उलट कंपनियों 500 का बीज पांच हजार रुपए किलो तक बेच रही हैं, लेकिन कोई रोक-टोक नहीं है।