
CG Health Alert: बस्तर में देखा जा रहा है कि सबसे ज्यादा निजी अस्पतालों में मेकाज व महारानी के डॉक्टर ही सेवा देते हैं। जब सरकारी जगहों पर इनकी सेवा मुफ्त है तो फिर निजी क्लिनिक या फिर अस्पतालों में जाने की क्या जरूरत। इससे साफ है कि या तो वे सरकारी जगहों पर सेवा अच्छे से नहीं दे रहे हैं या फिर समय नहीं दे रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगे।
मरीजों के अस्पताल में आते ही ओपीडी में सबसे पहले मरीजों से फीस ली जाती है। यह 200 से 700 रुपए तक हैं। समस्या देखने के बाद उन्हें बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं। यहां से फाइल बनाने का सिलसिला शुरू होता है। जिसके अलग से पैसे लगते हैं।
उसके बाद भारी भरकम दवाईंया, जो उनके यहां ही उपलब्ध होती हैं। उसके बाद सामान्य इलाज शुरू होता है। फिर कंसलटेंट डॉक्टर से संपर्क किया जाता है जो दूसरे जगह सेवा देते हैं। उनके आने का अलग से चार्ज जुड़ता है। इस तरह कुछ समय में ही मरीज का बिल हजारों में पहुंच जाता है।
कई मामलों में तो एक से दो दिन में ही रकम 30 हजार तक पहुंच जाता है जबकि उस हिसाब की यहां सुविधा ही नहीं है। फिर मामला बिगड़ता है तो उन्हें बाहर ले जाने की सलाह दे दी जाती है। तब तक मरीज की अच्छी तरह जेब कट चुकी होती है।लगातार निजी अस्पताल में विशेषज्ञ न सुविधाएं और खासी रकम वसूला जा रहा है।
जो विशेषज्ञ पहुंच रहे हैं, वह भी सरकारी अस्पताल के हैं।
CG Health Alert: शहरवासी अंकित सिंह कपासिया ने जानकारी दी कि महारानी अस्पताल इलाज के मामले में अच्छा है। लेकिन यहां सिर्फ एक ही कमी है सफाई और स्टाफ की। इस समस्या को दूर कर लिया जाता है तो महारानी अस्पताल जैसी सुविधा कहीं नहीं होगी। अब यहां को इलाज और व्यवस्था काफी हद तक बदल गया है। महारानी पर भरोसा भी बढ़ा है।
Published on:
29 Aug 2024 03:04 pm
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