प्रशासन की टीम जेसीबी से अवैध निर्माण को गिरा दिया, फिलहाल इस खेल में इलाके के लेखपाल और गांव के प्रधान बीजेपी नेता अजय सिंह चौहान की मिलीभगत सामने आई है। डीएम के निर्देश पर पुरानी बस्ती थाने में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है कि गांव में बंजर के नाम पर गाटा संख्या 376 में 1.755 हेक्टेयर जमीन है। पिछले कुछ महीनों से यहां पर प्लाटिंग हो रही थी। कई प्लॉट बनकर जमीन से दो से तीन फिट तक चारदीवारी बना ली गई। अब पिलर लगाकर भवन बनाने का काम शुरू हुआ। चार दिन पहले क्षेत्रीय ग्रामीण योगेश मिश्र, शिवम शुक्ल ने तहसील प्रशासन से शिकायत किया। मामला पुरानी बस्ती थाने तक गया तो पुलिस ने मौके पर मौजूद निर्माण उपकरण को अपने कब्जे में ले लिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर की बात की थी। प्रशासन व पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी निर्माण कार्य जारी रहा। शिकायकर्ताओं न आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत करने के साथ डीएम डा.राजशेखर के आवास पर जाकर भी सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत की।
डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर श्री प्रकाश शुक्ल, नायब तहसीलदार अमरचंद्र वर्मा, कानूनगो रामचंद्र, लेखपाल राजेश पांडेय की टीम पहुंची। जेसीबी मशीन लगाकर सरकारी जमीन पर बनी बाउंड्री को ढहा दिया गया। वहां से ईंट व मलबे को ट्रैक्टर-ट्राली से उठा कर दूसरी जगह पहुंचाया गया। इस बाबत नायब तहसीलदार अमरचंद्र वर्मा ने कहा कि उनकी टीम अतिक्रमण करने वालों की पहचान कर रही है।
हवेली खास की सरकारी जमीन को हड़पने के लिए महीनों से खेल रहा है। प्लाटिंग कर भूमाफिया लोगों को जमीन बांट रहे थे। उस पर दो से तीन फिट की चाहरदीवारी भी खड़ी हो गई। शहर का विकास हवेली खास तक हो गया। आमतौर पर अधिकारियों का भी आना जाना इस तरफ से होता है लेकिन जमीन पर कब्जे की किसी को भनक तक नहीं लगी। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत में सरकारी जमीन भूमि के देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम सभा के प्रधान व लेखपाल की होती है। जमीन पर कब्जा होता रहा और दोनों ही जिम्मेदार को कुछ पता ही नहीं चला। इस बाबत प्रधान अजय ने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जे की मुझे कोई जानकारी ही नहीं है। अलबत्ता मुझे धारा 167(1) के तहत मुकदमा होने का सम्मान मिला है। अब देखा जाएगा कि राजस्व कोर्ट में क्या होता है।