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बस्ती में अब इस महिला अधिकारी से हुई छेड़खानी, कारवाई की लगाई गुहार

UP के बस्ती में एक हैरान करने वाला मामला आया है। यहां एक महिला अधिकारी से छेड़खानी का मामला सामने आते ही विकास भवन में हड़कंप मच गया है।

बस्तीJun 07, 2024 / 04:20 pm

anoop shukla

एक महिला अधिकारी से छेड़खानी और अभद्रता के आरोप में सीडीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को डीडीओ ने निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं पूरे प्रकरण की जांच के लिए जिलाधिकारी अन्द्रा वामसी के निर्देश पर डीडीओ ने उपायुक्त स्वत: रोजगार आशा देवी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की है।
महिला अधिकारी ने 22 मई को जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि पिछले कुछ समय से उन्हें वरिष्ठ सहायक द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है। समय-समय पर कई बार अशोभनीय इशारे किए जाते रहे हैं, जिसे वह हर बार अनदेखा कर दे रहीं थी। कई बार अकेले मिलने के लिए कहा गया।
आरोप लगाया कि 21 मई की शाम आरोपित उनके कमरे में आया और मुख्यमंत्री के जनपद आगमन पर तैयार किए जा रहे मुख्य बिंदुओं को लेकर चर्चा करने लगा। चर्चा पूर्ण होने के उपरांत भी वह उनके कार्यालय में बैठा रहा। वह उन्हें देख कर कभी घूरता तो कभी मुस्कराता रहा। जब उनके द्वारा पूछा गया कि कोई और काम है तो उसने कहा कि ऐसे नहीं बता सकता।
आरोपित बाबू ने उनके साथ आपत्तिजनक हरकत की। उसके इस कृत्य से वह स्तब्ध हैं और डरी हुईं भी हैं। वह घर और कार्यालय दोनों जगह खुद को असुरक्षित महसूस कर रहीं हैं। पीड़ित महिला अधिकारी ने डीएम से अनुरोध किया है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए और आरोपित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
वहीं डीडीओ अजय कुमार सिंह ने मामले में कार्रवाई करते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए उपायुक्त स्वत: रोजगार आशा देवी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया है। टीम में जिला गन्ना अधिकारी मंजू सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीप्रकाश पांडेय व इनरह्वील क्लब की पारुल टिबड़ेवाल शामिल हैं।
पहले से विवादित और सीडीओ का चहेता रहा है बाबू

सीडीओ कार्यालय में इस बाबू की तूती बोलती है। यह पहले से विवादित और सीडीओ का चहेता रहा है। हालांकि सीडीओ कार्यालय में इसकी तैनाती भी गलत बताई जा रही है। कोई भी फाइल बिना इस बाबू के अनुमति से आगे नहीं बढ़ती है। इसलिए इनका सभी विभागों में आना जाना लगा रहता है।
मृतक आश्रित पर इसे नौकरी मिली तो विवाद भी हुए। दो बार के तत्कालीन जिलाधिकारी इसे बर्खास्त भी कर चुके थे। बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्काल तत्कालीन जिलाधिकारी को नौकरी में वापस लेना पड़ा।
जिले में तैनात कुछ महिला अधिकारी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कुछ दिन पूर्व एक महिला अधिकारी नायब तहसीलदार की शिकार चुकी हैं।नायब तहसीलदार को जेल तक जाना पड़ा। यह मामला सुर्खियों में आ चुका है।
बस्ती जिला विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी के आदेश पर संबंधित वरिष्ठ लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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