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चुनाव लड़ने की चर्चाओं को किया खारिज
पद से मुक्त होने के बाद पांडेय ने कहा कि अब मैं जिम्मेदारियों से पूरी तरह मुक्त हो गया हूं। पिछले दिनों जदयू के बक्सर जिलाध्यक्ष के साथ तस्वीर पोस्ट करने के बाद बक्सर या आया सीट से एनडीए उम्मीदवार के रूप में उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। पांडेय ने चुनाव लड़ने की चर्चाओं को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट का मतलब चुनाव लड़ने से नहीं है। हालांकि उन्होंने 2009 विधानसभा चुनाव के पहले भी वीआरएस ले लिया था।तब भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं खूब चल निकली थीं। मगर कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद पांडेय ने वीआरएस वापस ले लिया था।
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अग्निशमन विभाग में किए कई काम
नए डीजीपी एके सिंघल 1988 बैच के आइपीएस अफसर हैं। सिंघल को गृह रक्षा वाहिनी व अग्निशमन सेवा के डीजी पद पर अप्रैल 2020 में तैनाती मिली थी। इससे पहले वे एडीजी (मुख्यालय) और बीएमपी के डीजी के पद पर तैनात थे। उन्होंने गृह रक्षा वाहिनी व अग्निशमन सेवा के डीजी का पद संभालने के बाद कई अहम बदलाव और सुधार किए। इसके साथ डीजी सेल के गठन का काम किया। इसके तहत मकसद था कि सुझाव या शिकायत को जिला से मुख्यालय तक पहुंचाने की सुदृढ़ व्यवस्था हो सके। इसके लिए बाकायदा शिकायत व सुझाव रजिस्टर भी बनाए गए। होमगार्ड में प्रतिनियुक्ति की नियमित माॅनिटरिंग के साथ समय पर कार्यों के निष्पादन में सुधार किया।
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सुशांत मामले को ले राष्ट्रीय चर्चा में भी आए
गुप्तेश्वर पांडेय 31 जनवरी 2019 को बिहार के डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था। हाल के दिनों में अपने कई उल्लेखनीय कार्यों को लेकर वे चर्चा में बने रहे। मुख्य रूप से बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की माैत के मामले में वे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए। सुशांत मामले में मुख्य आरोपित रिया चक्रवर्ती द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाने पर गुप्तेश्वर पांडेय ने रिया की औकात को लेकर सवाल कर विवाद भी खड़ा कर दिया था। बाद में उन्हें इसके लिए सफाई भी देनी पड़ी थी। आरोप-प्रत्यारोप के क्रम में शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने उनपर शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने तक का आरोप लगाया था। हालांकि, हर बार वे चुनाव लडऩे की चर्चाओं पर विराम लगाते रहे।
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नीतीश कुमार के करीबी कड़क आईपीएस
गुप्तेश्वर पांडेय की छवि एक बहुत कड़े आईपीएस अधिकारी के रूप में होती रही है।वह नीतीश कुमार के बेहद करीबी अधिकारियों में गिने जाते रहे हैं।हाल में रिया चक्रवर्ती के एक बयान पर नीतीश कुमार के पक्ष में आक्रामक पलटवार करके उन्होंने इसे सिद्ध भी कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने भूल सुधार भी कर ली थी।
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लोकसभा में भेजने की तैयारी
वीआरएस लेकर पदमुक्त हुए गुप्तेश्वर पांडेय को सत्तारूढ़ जदयू बाल्मिकीनगर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़वाने की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में जदयू पांडेय को उम्मीदवार बना सकता है। इस क्षेत्र में ब्राम्हण और कुर्मी मतदाताओं के बहुलता है। जदयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। बहरहाल चंद दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के इस्तीफे का राज वास्तव में राजनीतिक है या नहीं।