
Murda
बैतूल। उस वृद्धा की मौत की खबर के बाद जैसे परिवार में पूरा माहौल गमगीन हो गया। वृद्धा को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी थी। बस बेटी दूर होने से आ नहीं सकी थी। बेटी का इंतजार था इसलिए वृद्धा के शव को शव फ्रीजर में रखा जा रहा था और अचानक उसकी ही धड़कनें चलने लगी। परिवार के लोग वृद्धा को लेकर तत्काल शहर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। यहां पर डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि वृद्धा अभी जिंदा है। वर्तमान में वृद्धा कोमा की स्थिति में हैं, उसका इलाज किया जा रहा है। जिंदा वृद्धा को मृत बताने से नागपुर के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है।
सात दिनों तक चला इलाज
शहर के कोठीबाजार निवासी वृद्धा को पेरालिसिस अटैक होने से नागपुर में एक निजी अस्पताल में भर्ती किया था। सात दिनों तक वृद्धा का यहां पर इलाज चला। इलाज के दौरान ही डॉक्टरों ने वृद्धा को मृत समझ कर उसकी छुट्टी कर दी। डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद परिवार के लोग उसे लेकर घर आ गए। इसके बाद शव के अंतिम संस्कर की तैयारियां की जाने लगीं। कुछ देर बाद ही वृद्धा की धड़कनें चलने से फिर उसे शुक्रवार शाम शहर के निजी अस्पताल में भर्ती किया है। वृद्धा की जिंदा होने से परिवार के लोगों में खुशी हैं और अब वे इलाज करा रहे हैं।
कोमा में है वृद्धा
निजी अस्पताल के डॉक्टर नितिन राठी ने बताया कि परिवार के लोगों ने पूरी घटना बताई थी। जिसमें नागपुर के डॉक्टरों द्वारा वृद्धा को मृत बताया था। वृद्धा अभी जिंदा है, उसकी हालत गंभीर है और वह कोमा में हैं। आने वाले दिनों में उनकी हालत के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। यदि वे कोमा से बाहर आ जाते है तभी आगे कुछ कहा जा सकता है।
Published on:
28 Jan 2018 03:49 pm
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