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बैतूल। शहर के दो बड़े निजी स्कूलों ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश दिए जाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। स्वयं को अल्पसंख्यक शाला घोषित कर यह स्कूल आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया के दायरे से बाहर हो गए हैं। वर्ष २०१९-२०२० के लिए इस साल इन स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब बच्चों के एडमिशन नहीं लिए जाएंगे। पूर्व वर्षों में जिन गरीब बच्चों के आरटीई के तहत इन स्कूलों में एडमिशन हुए थे केवल वे ही अध्ययन कर सकेंगे। इन दो स्कूलों के अलावा आरटीई के तहत एडमिशन नहीं देने वालों में बैतूल का एक अन्य स्कूल एवं पाथाखेड़ा, बगडोना व सारणी के एक-एक स्कूल शामिल है।
पांच स्कूल हुए आरटीई के दायरे से बाहर
जिले के कुछ पांच निजी स्कूल आरटीई के दायरे से बाहर हो गए हैं। इनमें बैतूल का सतपुड़ा पब्लिक स्कूल, लिटिल फ्लावर स्कूल, डानबास्को सेंट फ्रांसिस स्कूल, पाथाखेड़ा का लिटिल फ्लावर स्कूल, सारणी का सेंट फ्रांसिस स्कूल एवं बगडोना का एमजीएम स्कूल शामिल है। इन स्कूलों ने उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन कर स्वयं को अल्पसंख्यक शाला बताते हुए आरटीई के तहत स्कूल में गरीब बच्चों को प्रवेश दिए जाने से इंकार किया है। शासन से भी इन्हें अल्पसंख्यक स्कूल के आदेश जारी हो गए हैं।
चार हजार से अधिक सीटें आरक्षित
जिले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष २०१९-२० के लिए ३५६ स्कूलों की कुल ४२७६ सीटें आरक्षित की गई है। इन स्कूलों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी हैं। अभी तक ११५९ आवेदन ऑनलाइन आ चुके हैं।आरटीई के तहत सर्वाधिक स्कूल बैतूल ब्लॉक के ८८ बताए जाते हैं। इन स्कूलों में कुल ११८२ सीटें आरटीई के तहत आरक्षित की गई है, लेकिन जिले के पांच निजी स्कूलों में अल्पसंख्यक शाला होने के कारण छूट मिलने पर २५ प्रतिशत के हिसाब से सीटों की संख्या में गिरावट आएगी।
१२ जून को होगा लॉटरी से सीटों का आवंटन
आरटीई को लेकर जारी प्रवेश प्रक्रिया की समय-सारणी के अनुसार १ मई से ५ जून तक सत्यापनकर्ता अधिकारियों से सत्यापन प्रपत्र प्राप्त कर बीआरसी द्वारा पोर्टल पर प्रविष्टि कराएगा। १२ जून को पोर्टल पर पात्र दर्ज हुए बच्चों में से रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी द्वारा सीटों का आवंटन एवं चयनित आवेदकों को एसएमएस द्वारा सूचना दी जाएगी। १३ जून को पात्र पाए गए बच्चों का स्कूलों में प्रवेश दर्ज कराकर प्रवेशित बच्चों का आधार सत्यापन होगा।
इनका कहना
- अल्पसंख्यक शाला होने का सर्टिफिकेट हासिल से जिले की पांच शालाओं को आरटीई के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। इस साल इन स्कूलों में आरटीई के तहत एडमिशन नहीं होंगे। इनमें बैतूल शहर के तीन बड़े स्कूल भी शामिल हैं।
- आईडी बोडख़े, डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र बैतूल।
Published on:
13 May 2019 09:33 pm
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