बैठक में देरी से पहुंचे प्रबंधकों को कलेक्टर ने दिखाया बाहर का रास्ता
जिले में समितिवार यूरिया की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी की समीक्षा के लिए हुई बैठक
जिले में समितिवार यूरिया की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी की समीक्षा के लिए हुई बैठक
बैतूल. जिले में समितिवार यूरिया की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी की समीक्षा के लिए रविवार को कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने कलेक्टोरेट के मिटिंग हॉल में बैठक आयोजित की थी।
बैठक में शामिल होने देरी सेे पहुंचे कई सोसायटी प्रबंधकों को कलेक्टर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। समय पर बैठक में उपस्थित नहीं होने से १५ से २० सोसायटी प्रबंधक बाहर ही घंटों खड़े रहे। बैठक छूटने के बाद अन्य साथियों से उन्होंने जानकारी ली। बैठक में कलेक्टर ने कहा है कि जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। कृषकगण इस बात से आश्वस्त रहें कि यूरिया की कमी नहीं आएगी। सहकारी समितियों से अपेक्षा है कि वे कृषकों को यूरिया वितरण के बेहतर प्रबंध करें, ताकि छोटे किसानों को आसानी से यूरिया मिल सके। कलेक्टर ने कहा कि नियम विरूद्ध यूरिया होल्ड करने वालों व ब्लैक से बेचने वालों पर प्रशासन नजर रख रहा है। ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर साकेत मालवीय, जिला पंजीयक सहकारी संस्थाएं, उप संचालक कृषि सहित सहकारी समितियों के प्रबंधक मौजूद थे। कलेक्टर ने सहित अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों व तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे सहकारी समितियों का सतत् निरीक्षण करें।
यूरिया वितरण की रोज समितिवार होगी समीक्षा
कलेक्टर ने समितिवार यूरिया की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी की समीक्षा की। साथ ही कहा कि प्रतिदिन गूगल शीट पर यूरिया की उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी समितियों द्वारा जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए। जिला स्तर पर समितियों में उपलब्ध यूरिया वितरण की बारीकी से समीक्षा की जाएगी। किसी भी स्तर पर कोई दिक्कत आती है, तो उसे हल किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सहकारी समितियों को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि छोटे किसान यूरिया प्राप्त करने में परेशान न हो। समितियों से उन्हें सहूलियत से यूरिया मिले। समितियों में यूरिया वितरण की व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी हो। पूरे रबी सीजन में किसानों को निश्चिंतता से यूरिया उपलब्ध होती रहे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसानों को रबी सीजन में आवश्यक सहूलियतें उपलब्ध कराने पूरी सजगता से कार्य कर रहा है। किसानों को सिंचाईं हेतु समय पर पर्याप्त बिजली एवं नहरों से पानी मिले, इस बात की भी निरंतर समीक्षा की जा रही है। फसल क्षति राहत की राशि भी किसानों के खातों में पहुंचनी प्रारंभ हो गई है।