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भरतपुर

BJP News : सवालों के घेरे में रहा भाजपा विधायकों का प्रदर्शन, हाइकमान ने मांगी रिपोर्ट

Bharatpur Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव में जीत से दूर हुई भाजपा अब हार की समीक्षा की बात कह रही है, लेकिन तय है कि विधायकों का अपने क्षेत्रों में प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। ऐसे में हाइकमान ने रिपोर्ट भी मांगी है।

भरतपुरJun 05, 2024 / 02:30 pm

Kamlesh Sharma

Bharatpur Lok Sabha Election Result 2024 : भरतपुर। लोकसभा चुनाव में जीत से दूर हुई भाजपा अब हार की समीक्षा की बात कह रही है, लेकिन तय है कि विधायकों का अपने क्षेत्रों में प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। ऐसे में हाइकमान ने रिपोर्ट भी मांगी है। हालांकि केंद्र में सरकार बनने के बाद ही यह रिपोर्ट जाएगी, लेकिन जिस तरह चुनाव प्रचार के दौरान विधायकों के प्रदर्शन व गुटबाजी की बात सामने आ रही थी, परिणाम में वह साफ दिखाई दे रही है। ऐसे में संभव है कि इसके दायरे में संगठनों के पदाधिकारी भी आ सकते हैं। क्योंकि जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा था, वहां इस बार भाजपा की खराब हालत इस ओर ही इशारा कर रही है। केंद्र की ओबीसी सेवाओं में भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर चलाए गए ऑपरेशन गंगाजल का भी असर परिणाम पर पड़ा है। जबकि भाजपा के परंपरागत वोट बैंक का मतदान केंद्रों तक ही नहीं पहुंचना सबसे बड़ा कारण सामने आया है।
नगर विधानसभा से जवाहर सिंह बेढम गृह राज्यमंत्री हैं, उनके क्षेत्र में भाजपा की करारी हार हुई है। वहीं डीग-कुम्हेर में डॉ. शैलेष सिंह मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे थे, लेकिन उनके क्षेत्र में भी परिणाम निराशाजनक सामने आए हैं। बात करें कामां विधानसभा क्षेत्र की तो यहां से नौक्षम चौधरी विधायक हैं। यहां पार्टी को शर्मनाक हार झेलनी पड़ी है। मतदान के बाद से ही कामां में गुटबाजी व आंतरिक कलह की रिपोर्ट हाइकमान तक पहुंच रही थी, लेकिन परिणाम ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है।
बयाना में निर्दलीय जीतकर पार्टी में फिर से शामिल हुईं विधायक ऋतु बनावत भी पार्टी को यहां से नहीं उबार सकीं। वैर से विधायक बहादुर सिंह कोली भी अपनी पार्टी को जीत दिलाने में नाकामयाब रहे हैं। भरतपुर में पार्टी का कोई भी विधायक नहीं था। भले ही केन्द्र स्तर पर लोकदल का करार भाजपा से हुआ था, लेकिन डॉ. सुभाष गर्ग प्रचार में नजर नहीं आए। यहां जरूर भाजपा उम्मीदवार अच्छी वोट लाने में सफल रहे। विधायकों में महज नंदबई से जगत सिंह ही अपने पार्टी के प्रत्याशी को अपने क्षेत्र से जीत दिलाने में कामयाब रहे हैं।

भाजपा का वोट प्रतिशत 15.15 प्रतिशत घटा

2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है और भाजपा का घटा है। इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 15.15 प्रतिशत घटा है और कांग्रेस का 17.21 प्रतिशत बढ़ा है। 2014 में भाजपा को 60.22 प्रतिशत वोट मिला था। जो कि कांग्रेस से 25.66 प्रतिशत अधिक था। कांग्रेस को 34.96 प्रतिशत वोट मिला था। डेढ़ दशक में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक वोट प्रतिशत प्राप्त किया था। लेकिन 2019 में भाजपा के वोट प्रतिशत में 1.52 वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई थी। क्योंकि इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 61.74 व कांग्रेस का 33.97 वोट प्रतिशत रहा था। जो कि कांग्रेस की तुलना 27.77 प्रतिशत ज्यादा था। मतलब यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना भाजपा ने कांग्रेस से 2.11 वोट प्रतिशत अधिक प्राप्त किया था। जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 0.99 प्रतिशत घटा है।

इस बार फेल हुआ कोली कार्ड

भरतपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का कोली कार्ड हमेशा सफल रहा है, लेकिन इस बार कोली कार्ड नहीं चल पाया। वर्ष 2019 के चुनाव में तीन बार सांसद रह चुके गंगाराम कोली की पुत्रवधु रंजीता कोली विजयी रही थी। वर्ष 2014 के चुनाव में भी भाजपा के बहादुर सिंह कोली विजयी रहे थे। इससे पहले भी इस सीट पर भाजपा कोली जाति के व्यक्तियों को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। तीन बार गंगाराम कोली, एक बार रामस्वरूप कोली व दो बार बहादुर सिंह कोली सांसद रह चुके हैं। वहीं, 2009 के चुनाव में भी भाजपा ने सुखराम कोली को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी रतन सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।

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