
पौधशालाओं में तैयार पौधे बाग-बगीचों और खेल-खलिहानों में रोपे जाने लगे हैं। इसके लिए सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य के अनुरूप वनविभाग ने जिले की नर्सरियों में करीब छह लाख पौधे तैयार किए हैं, जिन्हे दिया जा रहा है।
पौधशाला से जून से अब तक करीब 44 हजार पौधे लोगों को दिए जा चुके हैं। मानसून सीजन में मनाए जाने वाले वन महोत्सव कार्यक्रम में सरकारी कार्यालय, एनजीओ, विद्यालय व आमजन पौधारोपण कर संरक्षण का संकल्प ले रहे हैं।
आठ पौधशालाएं हैं
जिले में आठ पौधशालाएं हैं, जिनमें विभाग लक्ष्य मिलते ही सितम्बर-अक्टूबर में अनेक प्रजातियों के पौधे तैयार करना प्रारम्भ करता है। इस बार लक्ष्य के अनुसार छह लाख पौधे तैयार किए गए हैं। जिन्हें लोग बढ़-चढ़कर लगा हैं।
विभिन्न किस्म के पौधे तैयार
विभागीय पौधशालाओं में 50 से 60 किस्म के पौधे तैयार किए हैं। इनमें नीम, बड़ बरगद, अर्जुन, कदम, शीशम के छायादार व चंपा, चमेली, गुडहल, कंडेर, गुलाब, चांदनी के फूलदार और अमरूद, नींबू, करौंजा, जामुन, अनार के फलदार पौधे उपलब्ध हैं।
कीमत है निर्धारित
पौधों का वितरण सरकारी संस्था, एनजीओ, विद्यालयों के लिए एक रुपए प्रति पौधा की दर से दिया जा रहा है। वहीं आमजन के लिए पौधों की ऊंचाई के हिसाब से पांच, आठ व पन्द्रह रुपए प्रति पौधा देना निर्धारित है।
जून से दिए जा रहे
संभाग मुख्यालय पर कंपनी बाग और केवलादेव के पास केंद्रीय पौधशाला हैं, जहां पौधे तैयार होते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में वैर, बयाना, खेड़ली मोड, हलैना, डेहरा मोड़, मांढेरा में पौधशाला है। मानसून ही जून माह से देना शुरू कर दिया।
- लक्ष्य के अनुरूप नर्सरियों में छह लाख पौधे तैयार किए। वन महोत्सव के तहत इनमें से जून से अब तक 44 हजार पौधे दिए जा चुके हैं। अनेक किस्म के पौधे तैयार हैं, जिन्हें लोग ले जा रहे हैं।
एलएन बंसल, डीएफओ भरतपुर
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