बीएसपी गेट पर रोककर दिया पर्चा यूनियन ने कर्मियों को बीएसपी गेट पर रोककर जहां पर्चा दिया। वहीं सीटू का नाम लिए बिना ही हमला बोला कि बीएसपी के कर्मियों ने लंबे समय तक केंद्रीय यूनियन को समर्थन दिया। इसके बदले क्या मिला है कटौती के सिवा। इस वजह से अब कर्मियों को अपना नजरिया बदलना चाहिए। केंद्रीय यूनियन कर्मियों का उपयोग राजनीतिक एजेंडे में कर रही है। बीएसपी कर्मचारी हर मामले में पीछे हैं, चाहे वह प्रमोशन, आवास भत्ते, इंसेंटिव का क्यों न हो।
बिना केंद्रीय यूनियनों के भी किया काम
यूनियन नेताओं ने कहा कि बिना केंद्रीय यूनियन के भी ट्रेनिंग को सेवाकाल में जुडऩे का गवाह पूरा भिलाई है। यूनियन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही रूप से करती तो आज कई लोगों को इस मामले में शिकार नहीं होना पड़ता।
यूनियन नेताओं ने कहा कि बिना केंद्रीय यूनियन के भी ट्रेनिंग को सेवाकाल में जुडऩे का गवाह पूरा भिलाई है। यूनियन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही रूप से करती तो आज कई लोगों को इस मामले में शिकार नहीं होना पड़ता।
लिया यह संकल्प
इस मौके पर इस्पात श्रमिक मंच के राजेश अग्रवाल व छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के शेख महसूद ने संयुक्त रूप से कर्मियों के हक में यह १० संकल्प लिया।
* लंबे समय से लंबित पड़ी इंसेंटिव पॉलिसी को पुनर्निधारित करने के लिए कोर्ट में मंच ने मामला दाखिल किया है। 2012 के वेतन के सभी लंबित मामलों जैसे रात्रि पाली भत्ता, कैंटीन भत्ता, आवास भत्ता, वाशिंग भत्ता पेंशन के लिए प्रयास किया जाएगा।
* लंबित वेतनमान के लिए सभी संबंधित पक्ष सेफी, मंत्रालय सहित एनजेसीएस को साथ लेते हुए प्रयास करना। युवा कर्मियों को डिग्रेड करना एक घृणित और कलंकित कृत्य था। जिसे केंद्रीय स्थाई यूनियनों और प्रबंधन ने मिलकर अंजाम दिया। संयुक्त यूनियन डिग्रेडेशन के खिलाफ मुखरता से आवाज उठाते रही है। इसके खिलाफ अब न्यायिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
* अर्जित अवकाश और फेस्टिवल लीव के नकदीकरण के बंद होने से कर्मियों को सालाना ६० हजार तक का नुकसान हुआ है। इस्पात श्रमिक मंच ने दायर किए केस अंतिम चरण में है। केंद्रीय यूनियन कॉरपोरेट पर दबाव बनाने में नाकाम होने से मामले में देरी हो रही है।
* तकनीकी योग्यता के आधार पर प्रमोशन पॉलिसी का लाभ, केंद्रीय यूनियन की उदासीनता के कारण कर्मियों के बड़े वर्ग को नहीं मिल पाया है। संयुक्त यूनियन इस मसले पर प्रभावितों के साथ मिलकर न्यायिक प्रक्रिया के तहत निराकरण का प्रयास कर रही है।
* यूनियन ओसीटी और एसीटी को क्रमश: जूनियर इंजीनियर व तकनीशियन पद पर पदस्त करते हुए फास्ट ट्रैक प्रमोशन पॉलिसी लाने संकल्पित है। संयंत्र कर्मियों के लिए 3 साल में राऊरकेला की तर्ज पर ग्रेड प्रमोशन पॉलिसी प्रमुखता से बनाई जाएगी। फायर कर्मियों के लिए जोखिम भत्ते समेत लाभ दिलाने कार्य करेगी। भिलाई स्टील प्लांट में फायर ब्रिगेड को वक्र्स एरिया में सम्मिलित करने संकल्पित है।
इस मौके पर इस्पात श्रमिक मंच के राजेश अग्रवाल व छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के शेख महसूद ने संयुक्त रूप से कर्मियों के हक में यह १० संकल्प लिया।
* लंबे समय से लंबित पड़ी इंसेंटिव पॉलिसी को पुनर्निधारित करने के लिए कोर्ट में मंच ने मामला दाखिल किया है। 2012 के वेतन के सभी लंबित मामलों जैसे रात्रि पाली भत्ता, कैंटीन भत्ता, आवास भत्ता, वाशिंग भत्ता पेंशन के लिए प्रयास किया जाएगा।
* लंबित वेतनमान के लिए सभी संबंधित पक्ष सेफी, मंत्रालय सहित एनजेसीएस को साथ लेते हुए प्रयास करना। युवा कर्मियों को डिग्रेड करना एक घृणित और कलंकित कृत्य था। जिसे केंद्रीय स्थाई यूनियनों और प्रबंधन ने मिलकर अंजाम दिया। संयुक्त यूनियन डिग्रेडेशन के खिलाफ मुखरता से आवाज उठाते रही है। इसके खिलाफ अब न्यायिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
* अर्जित अवकाश और फेस्टिवल लीव के नकदीकरण के बंद होने से कर्मियों को सालाना ६० हजार तक का नुकसान हुआ है। इस्पात श्रमिक मंच ने दायर किए केस अंतिम चरण में है। केंद्रीय यूनियन कॉरपोरेट पर दबाव बनाने में नाकाम होने से मामले में देरी हो रही है।
* तकनीकी योग्यता के आधार पर प्रमोशन पॉलिसी का लाभ, केंद्रीय यूनियन की उदासीनता के कारण कर्मियों के बड़े वर्ग को नहीं मिल पाया है। संयुक्त यूनियन इस मसले पर प्रभावितों के साथ मिलकर न्यायिक प्रक्रिया के तहत निराकरण का प्रयास कर रही है।
* यूनियन ओसीटी और एसीटी को क्रमश: जूनियर इंजीनियर व तकनीशियन पद पर पदस्त करते हुए फास्ट ट्रैक प्रमोशन पॉलिसी लाने संकल्पित है। संयंत्र कर्मियों के लिए 3 साल में राऊरकेला की तर्ज पर ग्रेड प्रमोशन पॉलिसी प्रमुखता से बनाई जाएगी। फायर कर्मियों के लिए जोखिम भत्ते समेत लाभ दिलाने कार्य करेगी। भिलाई स्टील प्लांट में फायर ब्रिगेड को वक्र्स एरिया में सम्मिलित करने संकल्पित है।