इसके अलावा कुछ छात्र हस्तलिखित नकल की सामाग्रियों के साथ भी धरे गए। नकल करने का खामियाजा यह हुआ कि भले ही इन्होंने किसी विषय के पेपर में नकल की होगी, लेकिन इनके प्रकरणों को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय की यूनिवर्सिटी अनफेयर मींस यानी यूएफएम कमेटी ने फैसला सुनाया और इनकी परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया।
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अकेले बीसीए के तीनों भागों को मिलाकर 15 नकलची पकड़ाए जिसमें दो छात्रों के प्रकरण को क्षमायोग्य मानकर उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई हालांकि इनकी उत्तरपुस्तिका जांच में यह दोनों छात्र पूरक आए।
इस तरह परीक्षाएं हुई निरस्त
CG Cheating: विश्वविद्यालय से जारी यूएफएम के नतीजों में बीसीए भाग एक के दो छात्रों को श्रेणी ए के तहत क्षमादान दिया गया है। एक छात्र पर पेपर निरस्त की कार्रवाई हुई है। पांच छात्रों को श्रेणी सी में रखकर परीक्षा निरस्त कर दी गई है। बीसीए भाग-2 में एक छात्र को श्रेणी बी और दो को श्रेणी सी में रखकर परीक्षा निरस्त हुई है। बीसीए फाइनल ईयर छात्रों में से एक का पेपर और तीन की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। पिछले साल की वार्षिक परीक्षाओं में करीब 365 नकल प्रकरण बने थे, जबकि इस साल यह संख्या इससे भी अधिक होने की संभावना है।
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CG Cheating: तीन श्रेणियों में होती है कार्रवाई
यूनिवर्सिटी की यूएफएम कमेटी नकल के प्रकरणों को उनकी गंभीरता और प्राप्त नकल सामाग्री के हिसाब से तीन श्रेणियों में विभाजित करती है। इसमें ए केटेगरी में अकसर भूल से साथ रख ली गई या ऐसे नकल सामाग्रियां जो परीक्षा में प्रश्नपत्र से संबंधित नहीं थी, उनको रखा जाता है। ‘ए’ केटेगरी में उक्त प्रकरण को क्षमायोग्य मानकर उसका रिजल्ट जारी कर दिया जाता है।
वहीं केटेगरी ‘बी’ में शामिल किए गए परीक्षार्थी के पास मिलने वाले नकल के सामन और प्रश्नपत्र से मिलान के बाद यदि इसमें समानता मिलती है तो ऐसे परीक्षार्थी की उस विषय की परीक्षा को निरस्त किया जाता है। तीसरी सी केटेगरी में वह मामले आते हैं जिनमें अनुचित साधन से नकल के प्रकरण बेहद गंभीर होते हैं, जिनको बिना कड़े दण्ड के नहीं छोड़ा जा सकता।